विमला भाभी और दादाभाई को काफी पसंद थी करेले और भरवां बैगन की सब्जी

विमला भाभी और दादाभाई को काफी पसंद थी करेले और भरवां बैगन की सब्जी

भोपाल । ‘करीब चार साल पहले अम्मा के निधन पर उनसे मुलाकात हुई थी, लेकिन फिर वह बीमार रहने लगीं और कूल्हे की हड्डी टूटने पर व्हील चेयर पर रहने लगीं। इस तरह भोपाल आना बंद हो गया, लेकिन दशहरा पर अष्टमी की पूजा भोपाल वाले घर पर हो गई या नहीं, यह जानकारी लेने के बाद ही दिल्ली में वह भोजन लेती थीं। वहां वे अपने बेटे आशुतोष शर्मा के साथ रहती थीं। कभी-कभी उनकी बेटी जयश्री शर्मा चंडीगढ़ से उनसे मिलने आती थीं। पूर्व राष्ट्रपति डॉ.शंकर दयाल शर्मा, जिन्हें हम सभी दादा भाई कहकर संबोधित करते थे, उनके साथ विमला भाभी का तालमेल ऐसा था कि परिवार में सभी मिसाल देते थे कि पति-पत्नी का रिश्ता इतना ही प्रेम भाव वाला होना चाहिए। नव विवाहितों के लिए वे सबक लेने वाली जोड़ी थे। यही वजह है कि वह हमेशा उनके साथ नजर आती थीं। जब भी घर पर आतीं, रसोई में बहू-बेटियों के साथ करेले और भरवां बैगन की सब्जी बनातीं। दादा भाई और विमला भाभी दोनों को यह सब्जी बहुत पसंद थी। वह काफी खुशमिजाज महिला थीं। परिवार में छोटे हों या बड़े, सभी उनके साथ बहुत जल्दी घुलमिल जाते थे। यही वजह थी कि वह जब भी भोपाल आतीं, पूरा कुनबा गुलिया दाई के मोहल्ले वाले हमारे पुराने शहर स्थित घर पर एकत्रित हो जाता था। वह सभी का हालचाल, पढ़ाई लखाई और भविष्य की योजनाओं के बारे में परिवार के युवाओं से बात करती थीं। घर पर परिवार के साथ एक आम महिला की तरह ही पेश आती थीं। घर पर सभी के साथ काम करवाती थीं। उनके साथ पूरे परिवार की बहुत सारी यादें जुड़ी हुई हैं। उनको पूरे परिवार की तरफ से श्रद्धांजलि, वे पुण्य आत्मा थीं।