अमेरिका, यूक्रेन के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहीं वेबसाइट्स मेटा ने की बंद

अमेरिका, यूक्रेन के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहीं वेबसाइट्स मेटा ने की बंद

न्यूयॉर्क। फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने मंगलवार को चीन एवं रूस से संचालित हो रहे दो गुप्त नेटवर्क को अपनी साईट से हटा दिया है। मेटा ने कहा कि अमेरिका में मिडटर्म चुनाव को देखते हुए कंपनी विदेशी हस्तक्षेप को लेकर हाई अलर्ट पर है। मेटा ने जिन दो गुप्त नेटवर्क पर कार्यवाही की है, उनमें से चीन से संचालित नेटवर्क बहुत छोटा था तथा इस पर बमुश्किल किसी का ध्यान जाता। लेकिन इसमें कुछ ऐसे अकाउंट्स थे, जिनमें अमेरिका के दोनों राजनीति धड़ों से संबंधित थे। मेटा के ग्लोबल थ्रीट इंटेलीजेंस के हेड बेन नीमो ने कहा कि यह पहली बार है जब चीनी अकाउंट्स के जरिए इस तरह से अमेरिकियों को निशाना बनाते देखा गया है। चीन के लोग ऐसे फेक अकाउंट्स चला रहे थे, जिसमें वे अमेरिकी नागरिकों का रूप धारण कर वहां के घरेलू मुद्दों जैसे गर्भपात एवं बंदूक नियंत्रण पर चर्चा करते थे और इस तरह वे वहां के लोगों पर अपने विचार थोपने का काम कर रहे थे।

होगा खुलासा: अब मामले की जांच करेगी एफबीआई

चीनी हरकत की जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई को दी गई है। चीनी अकाउंट्स के जरिए अमेरिकियों को निशाना बनाने की योजना है।

रूस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास

यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस के पक्ष में माहौल बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेफॉर्म्स पर हजारों पेज बनाने के साथ ही फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। ये अभियान चीन या रूस की सरकारों द्वारा चलाए जा रहे थे, इसका खुलासा नहीं किया।

प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के नाम का दुरुपयोग

मेटा का कहना है कि इस अभियान से 60 से अधिक वेबसाइट जुड़ी हुई थीं, जो कि समाचार संगठनों के फेक नाम से चलाई जा रही थीं। वहीं फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टेलीग्राम, ट्वीटर एवं अन्य साइट्स पर अकाउंट्स भी चल रहे थे। जिन समाचार संगठनों के नाम का उपयोग किया जा रहा था वे उनमें गार्जियन जैसे मशहूर नाम भी हैं।

पोस्टिंग का टाइम घेरे में

चीनी अभियान में सिर्फ 80 फेसबुक अकाउंट शामिल थे, जिनकी फालोइंग भी ज्यादा नहीं थी। इन अकाउंट्स से अमेरिका एवं चेक गणराज्य के लोगों को टारगेट किया जा रहा था, लेकिन पोस्ट डालने का जो समय था वह बीजिंग के कार्यालय के समय के अनुसार था। ये पोस्ट प्रात: नौ से पांच बजे के बीच और सोमवार से शुक्रवार के दौरान किए गए हैं जोकि सरकारी दतरों के काम करने का समय होता है।

चीन ने दुनियाभर में खोले अवैध थाने

इधर चीन अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों में अपनी दखलअंदाजी बढ़ाने लगा है। इसके लिए चीन की सरकार ने कनाडा और आयरलैंड जैसे विकसित देशों सहित दुनियाभर में कई अवैध पुलिस स्टेशन खोल दिए हैं। चीन के इस कदम से मानवधिकार कार्यकर्ता चिंतित हैं। पूरे कनाडा में पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो (पीएसबी) से संबद्ध ऐसे अनौपचारिक पुलिस सर्विस स्टेशन खोलने के पीछे चीन की मंशा उसके विरोधियों को दबाना है। इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म रिपोर्टिका के अनुसार चीनी सरकार इन अवैध पुलिस स्टेशनों के माध्यम से कुछ देशों में चुनावों को भी प्रभावित कर रही है। फूजौ पुलिस का कहना है कि उसने पहले ही 21 देशों में ऐसे 30 स्टेशन खोले हैं। वहीं यूक्रेन, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी और ब्रिटेन में भी चीनी पुलिस स्टेशनों के लिए अरेंजमेंट किए गए हैं।