जिनके लिए जान से बड़ा मुद्दा इंटरनेट कट, उनसे हम क्या कहें

जिनके लिए जान से बड़ा मुद्दा इंटरनेट कट, उनसे हम क्या कहें

वाशिंगटन। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका में कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के मुद्दे पर बात की। उन्होंने इस दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की आलोचना करने वालों की निंदा करते हुए कहा कि अगर आप लोगों को इंटरनेट कट करना मानव जीवन के नुकसान से ज्यादा खतरनाक लगता है तो इसपर क्या कहा जा सकता है। अनुच्छेद 370 को लेकर उन्होंने कहा कि यह संविधान का अस्थायी प्रावधान था, जिसे खत्म कर दिया गया। यह बहुसंख्यकवाद का कार्य माना जाता था। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह बहुसंख्यकवाद नहीं था? उन्होंने कहा कि एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किए तीन साल हो चुके हैं, जिसने जम्मू- कश्मीर को विशेष प्रावधान दिए थे। कानून व्यवस्था को बनाए रखने इंटरनेट सेवा होती है प्रभावित :5 अगस्त 2019 जम्मू-कश्मीर के भारत का अभिन्न अंग होने की राह में अनुच्छेद 370 की समाप्ति होना एक ऐतिहासिक दिन था। केंद्र सरकार ने उस समय इस कदम को ऐतिहासिक बताया था।

आतंकी घटना में मौत पर धर्म के मायने नहीं

कश्मीर मुद्दे को राजधानी वाशिंगटन डीसी में गलत तरीके से पेश किए जाने के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि अगर कोई आतंकवादी घटना होती है तो यह मायने नहीं रखता कि किस धर्म के व्यक्ति की जान गई। उन्होंने कहा, चाहे भारतीय सैनिक या भारतीय पुलिस कर्मियों का अपहरण किया जाए, चाहे सरकारी कर्मचारियों या अपने काम पर जा रहे आम नागरिकों की जान जाए? आपने कब लोगों को इस बारे में बात करते, निंदा करते सुना है, बल्कि मीडिया की खबरों को देखिए। मीडिया में क्या दिखाया जाता है और क्या नहीं दिखाया जाता?

सिख टीचर को जबरन बनाया मुस्लिम तो भारत हुआ नाराज

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार ने 20 अगस्त को देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक महिला सिख शिक्षिका के कथित अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की घटना को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बंदूक के बल पर किया गया था महिला का अपहरण

खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बुनेर जिले में सिख टीचर दीना कौर का बंदूक की नोक पर अपहरण किया गया और उसके अपहरणकर्ता से जबरन शादी करा दी गई थी। दीना कौर के परिजनों को बताया गया कि दीना का निकाह हो गया है। घटना के बाद परिजन पुलिस थाने पहुंचे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

मामला बढ़ा तो पुलिस ने महिला को ढूंढ निकाला

इधर मामला भड़कता देख पुलिस ने फौरन दीना कौर को ढूंढकर महिला निवास भेज दिया और अपहरणकर्ता हिजबुल्लाह को गिरतार कर जेल भेज दिया। इसके कुछ समय बाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की स्वात जिला अदालत ने अपहरणकर्ता हिजबुल्लाह को मेहर की रकम को 15 लाख करने का आदेश दिया और कहा कि अगर वह यह नहीं कर पाता है तो दीना को दर उल अमन यानी महिलाओं के शेल्टर में भेज दिया जाएगा। दीना के पिता गुरचरण ने प्रशासन पर गुमराह किए जाने का आरोप लगाया।