जिले में ओलावृष्टि से एक दर्जन गांव प्रभावित गेहूं-सरसों और चना की फसल क्षतिग्रस्त

जिले में ओलावृष्टि से एक दर्जन गांव प्रभावित गेहूं-सरसों और चना की फसल क्षतिग्रस्त

ग्वालियर। मार्च के एक पखवाड़ा में दो बार ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। 6-7 मार्च को आधा दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई थी जबकि इस बार करीब एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों और चना की फसल को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त किया है। कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़े अधिकारी ने कहा है कि ग्वालियर जिले में 50- 60 प्रतिशत फसल में नुकसान आंका जा रहा है।

हैरत की बात है कि किसानों के नुकसान का आकलन 48 घंटे में करने के शासन के निर्देश हैं लेकिन यहां 72 घंटे से अधिक का समय बीतने के बाद भी राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने सर्वे रिपोर्ट तैयार नहीं की है। इसी तरह 6-7 मार्च को हुई ओलावृष्टि की रिपोर्ट अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। उस दौरान भी आधा दर्जन गांवों में फसल क्षतिग्रस्त हुई थी। एक पखवाड़ा पहले तेलगाना, मेहतपुरऔर माहेश्वरा में ओले गिरे थे। जबकि इस बार ग्राम सेकरा, बराना, बड़कगांव, पाटई, सवराई, सुभाषपुरा, चगोंरा, तादई,रानीघाट विकास खंड में ओलावृष्टि हुई है।

धूप खिलने से होगा फसलों को और ज्यादा नुकसान

तेज धूप खिलने पर चना और सरसों की फली सूखने पर चटक जाएगी और उसका दाना झरने की आशंका बनी रहेगी। ऐसे में फसल को ज्यादा नुकसान हो सकता है। राजस्व और कृषि विभाग नुकसान का आकलन फसल के सूखने पर ही करेगा।

घाटीगांव ब्लॉक में ओलावृष्टि से एक दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं। गेहूं, सरसों और चना की फसल प्रभावित हुई है। पीड़ित किसानों को जल्द मुआवजा दियाजाए। लाखनसिंह, विधायक भितरवार