देश के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक घटकर 2.1 करोड़ टन हुआ

देश के सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक घटकर 2.1 करोड़ टन हुआ

नई दिल्ली। खाने-पीने की चीजों खासकर गेहूं की कीमत में आने वाले दिनों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। कारण, सरकारी गोदामों में गेहूं का भंडार एक साल पहले की तुलना में आधा रह गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोदामों में इस महीने की शुरुआत में 2.1 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक था, जो पिछले साल एक नवंबर को 4.2 करोड़ टन था। हालांकि यह आधिकारिक लक्ष्य से थोड़ा ऊपर है। केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर को खत्म होने वाली तिमाही के लिए इसके 2.05 करोड़ टन रहने का लक्ष्य रखा था। एक अक्टूबर को गोदामों में 2.27 करोड़ टन गेहूं था। सरकार ने बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए गेहूं रिलीज किया था। शायद इसी वजह से सरकारी भंडार में कमी आई है। सरकार समय-समय पर बल्क यूजर्स के लिए गेहूं का स्टॉक जारी करती रहती है। इनमें आटा मिल और बिस्कुट बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं।

2021 के स्तर तक पहुंच सकता है प्रोडक्शन

अगर मौसम अनुकूल रहा और मार्च- अप्रैल के दौरान तापमान में बेतहाशा बढ़ोतरी नहीं होती है तो देश में गेहूं का उत्पादन 2021 के स्तर तक पहुंच सकता है। तब देश में 10.959 करोड़ टन गेहूं हुआ था। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश का गेहूं का रकबा 45 लाख हेक्टेयर पहुंच चुका है, जो पिछले साल के मुकाबले 9.7 फीसदी अधिक है। देश में गेहूं की कीमत गुरुवार को 26,500 रुपए टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।

सरकार बोली, गोदामों में अभी पर्याप्त भंडार

हालांकि सरकार का कहना है कि गोदामों में गेहूं और चावल का संतोषजनक भंडार है। एफसीआई के अध्यक्ष अशोक के मीणा ने हाल में कहा था कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी आवश्यकताओं के लिए मुफ्त अनाज की आपूर्ति के बाद भी एक अप्रैल, 2023 तक गेहूं और चावल का अनुमानित स्टॉक सामान्य बफर मानदंडों से बहुत अधिक होगा।

चावल में अभी दिक्कत नहीं स्टॉक 283.9 लाख टन

यूं तो बेमौसम की बारिश से धान की फसल भी खराब हुई है। लेकिन इसमें फिलहाल चिंता की बात नहीं है। बीते एक अक्टूबर को सरकारी एजेंसियों के पास चावल का स्टॉक 283.9 लाख टन था। सरकार के नियमों के मुताबिक इस तारीख को जरूरी बफर स्टॉक 102.5 लाख टन होना चाहिए। मतलब कि अभी देश में चावल का भंडार न्यूनतम बफर का 2.8 गुना है।

मई से कीमत में 27% की बढ़ोतरी

भारत दुनिया में गेहूं का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। मई में बढ़ती कीमत पर काबू पाने के लिए सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। तबसे देश में गेहूं की कीमत में 27 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि नई फसल के आने तक गेहूं की कीमत नीचे आने की उम्मीद नहीं है। नई फसल मार्च- अप्रैल में आएगी। इस साल गेहूं की पैदावार में गिरावट आई थी, लेकिन अगले साल इसमें एक बार फिर तेजी की उम्मीद की जा रही है। देश में गेहूं की बुवाई एक अक्टूबर से शुरू हो चुकी है।