पिता को कैंसर हुआ तो बॉक्सिंग कॅरियर को होल्ड कर शुरू की खेती

पिता को कैंसर हुआ तो बॉक्सिंग कॅरियर को होल्ड कर शुरू की खेती

गांधी भवन में आर्गेनिक किसान मेले अनंत महोत्सव का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। इसमें उद्घाटन सत्र में गायक सारंग फगरे और समूह के द्वारा सांस्कृतिक गीतों की प्रस्तुति दी। अनंत मंडी शहर में पिछले तीन साल से चल रही है। यह एक ऐसी पहल है जहां जैविक और स्थानीय उत्पादों की खरीदी और प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। शहर के कुछ युवाओं वालंटियर ग्रुप जैसे अनंत एवं गो रुर्बन द्वारा शुरू की गई इस पहल ने कई लोगो को एक दूसरे से जोड़ा है और एक जागरूक समुदाय का निर्माण किया है। अनंत महोत्सव में 40 से ज्यादा स्टॉल्स लगाए गए हैं ।पहले दिन की शाम में सूफी गायन बैंड आदिरोहा ने प्रस्तुति दी, सादगी तो हमारी, मस्त कलंदर जैसे गानों की प्रस्तुति दी गई ।

फाइनेंशियल कंडीशन ठीक हो जाने तक करता रहूंगा आॅर्गेनिक फार्मिंग

मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की है। साथ ही मैं प्रोफेशनल बॉक्सर भी हूं और इंडिया को भी इंटरनेशनल लेवल पर रिप्रेजेंट कर चुका हूं । आॅर्गेनिक फॉर्मिंग शुरू करने की वजह यह भी रही कि पिताजी को साल 2018 में लिम्फोमा कैंसर हुआ था। जब मैं मुंबई गया उनके इलाज के लिए तब मुझे पता चला की जो हमारा खानपान है उसका असर है। तभी से मेरे मन में विचार था कि आर्गेनिक फार्मिंग करना चाहिए और उसी से मेरी अर्निंग भी शुरू हुई। हालांकि अभी लर्निंग स्टेज पर हूं और अभी बॉक्सिंग छोड़ी नहीं है। पहले फाइनेंशियली स्ट्रांग हो जाऊं फिर अपने बॉक्सिंग ड्रीम को भी पूरा करूंगा। इस आॅर्गेनिक फार्मिंग से दो बातें समझ में आई एक तो अब आॅर्गेनिक प्रोडक्ट ही खाना है, दूसरा इसी फार्मिंग को आगे बढ़ाना है।

जॉब छोड़कर शुरू किया आर्गेनिक तेल बनाना

मैं पूणे में इंश्योरेंस कंपनी में काम करता था। घर में सिंगल चाइल्ड होने की वजह से नौकरी छोड़कर अपने घर लौट आया। मुझे हालांकि और भी बड़ी कंपनी से जॉब आॅफर भी थे, लेकिन मैंने उन्हें रिजेक्ट कर अपने घर आकर सौ प्रतिशत शुद्ध तेल बिना फिल्टर बिना रिफाइंड और कम तापमान में तैयार करना शुरू किया। अब मुझे लगता है आॅर्गेनिक फार्मिंग का दौर लौट आया है और शहरवासी भी इनकी डिमांड कर रहे हैं। जिसके चलते मैंने इसका बिजनेस करीब तीन साल पहले ही शुरू किया है। यह तेल पूरी तरह से केमिकल फ्री है और अब इसकी डिमांड भी काफी बढ़ी है। अब इसे ही मैं बड़े लेवल पर ले जाना चाहता हूं। - ऋषभ शर्मा, खिरकिया

मल्टी लेयर फार्मिंग शुरू की है, तीन साल से डॉक्टर को दिखाने की नौबत नहीं आई

मैं और मेरी पत्नी निशा शर्मा हम दोनों मिलकर आॅर्गेनिक फार्मिंग करते हैं। हमने यह रियलाइज किया है कि मार्केट की जितनी भी चीजें हम ला रहे हैं कहीं न कहीं हमारी हेल्थ को नुकसान पहुंचा रही हैं। हमने मिलकर गेहूं, चना , दाल, सरसो, चावल, हल्दी के बाय प्रोडक्ट तैयार किए। इन सभी को तैयार करने में नेचुरल पेस्टीसाइड का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही अभी मल्टी लेयर फार्मिंग भी शुरू कर रहे हैं जिसमें कई तरह के फल जैसे पपीता, अमरूद भी शामिल करेंगे रहे हैं । खास बात यह कि पिछले तीन साल में हमारे किसी भी डॉक्टर के चक्कर नहीं लगे। - अजय शर्मा