जहां ज्यादा वायु प्रदूषण, वहां महिलाओं की हड्डियां कमजोर

जहां ज्यादा वायु प्रदूषण, वहां महिलाओं की हड्डियां कमजोर

न्यूयॉर्क। अमेरिका के न्यूयॉर्क में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने शोध में चौंकाने वाला खुलासा किया है। शोध के मुताबिक, आप जितना ज्यादा वायु प्रदूषण वाले शहर या इलाके में रहेंगे, आपकी हड्डियां और कमजोर होती चली जाएंगी। आॅस्टियोपोरोसिस जैसी क्रोनिक बीमारियां ज्यादा होंगी। हड्डियां इतनी नाजुक हो जाएंगी कि वो हल्की-फुल्की चोट से भी टूट सकती हैं। उम्र के साथ आॅस्टियोपोरोसिस होने की आशंका बढ़ती चली जाती है। वैज्ञानिकों ने पिछले 6 साल से 9,041 महिलाओं के हेल्थ डेटा पर शोध किया। ये वो महिलाएं थीं, जिन्हें मेनोपॉज हो चुका था। इस स्टडी के दौरान वैज्ञानिकों ने इन महिलाओं की हड्डियों में खनिजों के घनत्व की स्टडी की, यानी मिनरल्स की डेनसिटी जांची।

यूं किया गया शोध

वैज्ञानिकों ने इन महिलाओं के घरों के आसपास नाइट्रिक आक्साइड, नाइट्रोजन डाइआक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड और पीएम10 की जांच की।

साथ ही इन महिलाओं के रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) के व्यास की जांच की। यानी उनकी सही सेहत की।

शोध में पता चला कि जिन इलाकों में इन जहरीली गैसों और प्रदूषण का स्तर ज्यादा था, उन इलाकों या शहरों की महिलाओं की हड्डियां बेहद कमजोर थीं। खासतौर से गला, रीढ़ और कूल्हे की।

क्या होता है असर

वायु प्रदूषण की वजह से हड्डियों की कोशिकाएं जल्दी मरने लगती हैं।

आक्सीडेटिव स्ट्रेस बनता है, जिससे हड्डियों में जहरीले तत्व घुलने लगते हैं।

पहली बार टीम को सबूत मिला कि नाइट्रोजन आक्साइड्स की वजह से रीढ़ की हड्डियों समेत शरीर की अन्य हड्डियों में ज्यादा नुकसान होता है।

रीढ़ की हड्डी पर असर

नाइट्रोजन से जुड़े प्रदूषणकारी तत्वों का सीधा असर रीढ़ की हड्डी पर होता है। पिछले तीन वर्षों में नाइट्रोजन से जुड़े प्रदूषणकारी तत्वों की वजह से रीढ़ की हड्डियों की समस्याओं में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। रीढ़ की हड्डी में खनिजों का घनत्व 1.22 फीसदी कम हुआ है।