महिलाएं बनाएंगी हर ब्लॉक में किसान उत्पादक कंपनी

भोपाल । प्रदेश में ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाएं अब अपनी खुद की किसान उत्पादक कंपनी बनाएंगी। इसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने सभी जिलों के कलेक्टरों को प्लान भेजा है। कंपनी बन जाने से महिला किसानों को कृषि उत्पादन में 2 गुना से अधिक लाभ होगा। प्रदेश के सभी 313 ब्लॉक में आजीविका मिशन की महिलाओं द्वारा किसान उत्पादक कंपनी बनाए जाने का निर्णय लिया है। आजीविका मिशन की महिलाओं को लघु एवं सीमांत कृषक की श्रेणी में रखा गया है। यह कृषक अपनी उपज का एक भाग स्वयं के उपयोग के लिए रख लेते हैं और बेचने योग्य उपज की मात्रा कम होने के कारण मंडी में ना ले जाकर स्थानीय व्यापारी को कम से कम दाम में बेचने को मजबूर रहते हैं। यही हाल हथकरघा, हस्तकला और अन्य कुटीर उद्योगों में लगे व्यक्तियों के साथ है। लिहाजा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने किसानों के लिए अब अलग किसान उत्पादक संगठन बनाने का प्लान बनाया है। उधर , इसमें किसानों के उत्पाद जैसे पशुपालन , मछली पालन , बागवानी , वानिकी , वनोत्पाद , हथकरघा आदि उत्पादों को शामिल किया गया।
बाजार जैसी चुनौतियों से गुजरना पड़ता है
लघु और सीमांत कृषकों को विभिन्न चुनौतियों से गुजरना पड़ता है जैसे कि बाजार तक पहुंच नहीं होना, बिचौलियों के साथ मजबूरी में व्यापार और वित्तीय संस्थाओं तक पहुंच नहीं होना है। 33दो करोड़ तक का मिलेगा लोन33 किसान उत्पादक संस्थाओं को दो करोड़ रुपए के ऋण पर 3%ब्याज सहायता मिलेगी और दो करोड़ के लोन पर लोन गारंटी शुल्क नहीं देना होगा।
इसलिए बनाया किसान उत्पादक संगठन
किसान उत्पादक संगठन लघु एवं सीमांत कृषकों का समूह है जो कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत किए जाएंगे। संगठन स्व सहायता, स्वयं जिम्मेदारी, लोकतंत्र, समता, समानता और एकता के मूल्यों पर आधारित होंगे। इसमें सभी सदस्य किसान उत्पादक संगठन की पूंजी में समान रूप से योगदान करेंगे और लोकतांत्रिक ढंग से उसका नियंत्रण किया जाएगा।
ऐसे होगा कंपनी का संचालन
किसान उत्पादक कंपनी में कम से कम पांच और अधिक से अधिक 15 निर्देशक होंगे। बोर्ड द्वारा एक पूर्णकालिक मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। सीईओ कंपनी की सभी गतिविधियों के प्रबंधन का उत्तरदायी होगा। कंपनी में लाभांश का वितरण सक्रिय सदस्यों में किया जाएगा। किसान उत्पादक संगठन में कम से कम 300 किसान सदस्य होंगे।
ग्रामीण आजीविका से जुड़ी हैं
लाख महिलाएं हर ब्लॉक में किसान उत्पादक कंपनी बनाए जाने को लेकर सभी कलेक्टरों को प्लान भेजा गया है। प्रदेश में 3 लाख से अधिक महिला स्वयं सहायता समूह हैं और इन के माध्यम से 33 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। कंपनी बन जाने से किसानों को उनके कृषि उत्पादन में 2 गुना से अधिक आय होगी। एलएम बेलवाल,सीईओ, ग्रामीण आजीविका मिशन मप