विश्व अस्थमा दिवस आज: कोविड के बाद 15 फीसदी बढ़े अस्थमा के मरीज
जबलपुर। कोविड-19 महामारी के बाद अस्थमा यानि दमा के मरीज तेजी से बढ़े हैं आंकडों के मुताबिक पल्मोनरी की ओपीडी में इनकी संख्या में करीब 15 फीसदी तक इजाफा हुआ है। अस्थमा के नये मरीजों में बुर्जुगों से ज्यादा पीड़ित युवा वर्ग है, जिसे लेकर चिकित्सकों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है सावधानी न रखने से युवा वर्ग आज अस्थमा जैसी बीमारी की चपेट में है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ चिकित्सक
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन के डायरेक्टर एवं वरिष्ठ टीबी एडं चेस्ट विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र भार्गव ने बताया कि कोविड महामारी के बाद अस्थमा के मरीजों की संख्या पहले की अपेक्षा करीब 15 प्रतिशत तक बढ़ी है। अस्थमा के मरीजों की ओपीडी प्रतिदिन की 110 से 130 तक पहुंच गई है। अस्थमा के प्रति जरा सी लापरवाही गंभीर परिणाम ला सकती है। टीबी एडं चेस्ट विशेषज्ञ डॉ. ऋषि डाबर ने बताया कि कोविड के बाद अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ी है, जो मरीज एलर्जी से पीड़ित है वे तेजी से अस्थमा का शिकार हो रहे हैं। वर्तमान में शहर में प्रदूषण अधिक है जो कि एक बड़ा कारण है अस्थमा के मरीजों के बढ़ने का।
क्या है अस्थमा के लक्षण
चिकित्सकों के मुताबिक अस्थमा की स्थिति में सांस फूलने लगती, सीने में इतनी जकड़न होने लगती है कि बेहोशी तक महसूस होने लगती है। सांस लेने के साथ-साथ पीड़ित को घरघराहट और खांसी भी होने लगती है। कोविड संबंधी प्रोटोकॉल अस्थमा के मरीजों के लिये फायदेमंद है और अगर अस्थमा के मरीज इन नियमों को स्वत: पालन करें तो उन्हें फायदा होगा।