भुगतान की फाइल गायब होने पर प्रशासक खफा, जांच बैठी
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ग्वालियर। निगम कार्यशाला में लगभग 6.5 करोड़ की सीमा में बिना फाइल के वाहन-मशीनरी के भुगतान मामले पर निगम प्रशासक एमबी ओझा खफा हो गए है। यहीं कारण है कि उन्होंने मूल नस्ती गायब होने के मामले में अनदेखी की जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने व पुलिस में एफआईआर करवाने तक के लिए जांच समिति गठित कर दी है। अह्म्म बात यह है कि कार्यशाला में गड़बड़झाले से जुड़े अधिकारी एफआईआर के लिए मांग के बाद भी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा रहे है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में वाहन-मशीनरी किराये पर लेने हेतु टेंडर निकाले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव आचार संहिता व मेयर के इस्तीफा देने के बाद वर्ष 2018-19 के लिए स्वीकृत दर से अनुबंधित फर्म ( मैसर्स तिवारी टूर एंड टेÑवल्स, मैसर्स सपना दा टूर एंड टैÑवल्स, मैसर्स एक्सीलेंट टूट एंड ट्रैवल्स) को निगम बजट में राशि 4 करोड़ से भुगतान हेतु 17 मार्च 2020 में प्रशासक एमबी ओझा को भेजने के लिए निगमायुक्त ने पत्र जारी किया। जिसमें बताया कि निगमायुक्त को केवल 2 करोड़ तक के व्यय स्वीकृति के अधिकारी है और फर्मो द्वारा प्रस्तुत देयक व्यय की सक्षम स्वीकृति न होने के कारण नहीं हो पा रहे है। सूत्रों का कहना है कि वाहन-मशीनरी को लेकर बीते दो साल से कार्यशाला में फाइलें गायब है और जिम्मेदार अधिकारी पुरानी दरों को आधार बनाकर भुगतान करवाते रहे है।
प्रशासक ने गठित की जांच समिति व कहा एफआईआर को
प्रशासक एमबी ओझा द्वारा लिखे पत्र में वाहन-मशीनरी के लिए 4 करोड़ की राशि व्यय की मूल नस्ती गायब होने पर संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है तथा पुलिस प्रकरण की क्या स्थिति है? साथ ही पुरानी दरों पर लगभग दो गुनी राशि की कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त किए जाने का क्या औचित्य होने जैसे सवाल खड़े किए है और प्रकरण ेमें समिति गठित की जाकर परीक्षण व विलम्ब की वस्तु स्थिति का प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए है।
ऋकफ के लिए जिम्मेदार नहीं दे रहे दस्तावेज
जानकारों की माने तो प्रशासक वाहन मशीनरी के व्यय की मूल नस्ती गायब होने के मामले में खासे नाराज बताए जाते है और उनके निर्देश पर नोडल अधिकारी केशव चौहान को एफआईआर के लिए पत्र भी जारी कर दिया गया है, लेकिन कार्यशाला से जरूरी दस्तावेज उपलब्ध न करवाए जाने के कारण पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं हो पा रही है।
मूल नस्ती गायब होने पर जांच समिति बनाई है। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध तत्काल एफआईआर करवाने के लिए भी कहा गया है।