महिला कर्मचारी की पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद , स्टाफ दफ्तर छोड़कर भागा

महिला कर्मचारी की पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद , स्टाफ दफ्तर छोड़कर भागा

भोपाल। भोपाल में सोमवार को कोरोना के 52 नए मरीज मिले हैं। इसमें मनीषा मार्केट स्थित नगर निगम के वार्ड - 48 के कार्यालय की महिला कम्प्यूटर आॅपरेटर शामिल हैं, जो कि नागरिक सुविधा केंद्र में पदस्थ है। जयभीम नगर निवासी 31 वर्षीय महिला के संक्रमित निकलने की खबर जैसे ही वार्ड कार्यालय पहुंची, तो स्टॉफ दहशत में आ गया। वार्ड कार्यालय सहित निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा में बैठकर काम कर रहे कर्मचारी तत्काल दफ्तर से बाहर निकलकर खड़े हो गए। जब तक वार्ड प्रभारी बाहर आते तब तक सभी घर रवाना हो चुके थे। बाद में वार्ड प्रभारी ने सूचना नगर निगम आयुक्त को दी और दोनों बिल्डिंगों को शाम 4 बजे तक सेनेटाइज कराने के बाद ताला लगा दिया गया। अब तीन दिन बाद दोनों कार्यालय खोले जाएंगे। कार्यालय प्रभारी सहित 15 अन्य अधिकारी कर्मचारी महिला के संपर्क में आए हैं, सभी के मंगलवार को सैंपल होंगे। इधर महिला कर्मचारी के घर के आसपास रहने वाली 5 अन्य महिलाएं भी संक्रमित निकली हैं। गोविंदपुरा स्थित सीपेट का कर्मचारी भी पॉजिटिव निकला है। यह मशीनों को मेंटेन करता है। जिले में अब तक 2433 मरीज सामने आ चुके हैं।

50 वर्ष से अधिक उम्र के 9 बुजुर्गों ने कोरोना को हराया लौटे घर

बुजुर्ग और बच्चों में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है और उनके ठीक होने का रिकवरी रेट भी बहुत कम होता है, लेकिन भोपाल में इसके उलट देखने मिल रहा है। जिले में 48 कोरोना संक्रमित मरीज हमीदिया तथा निजी अस्पताल से डिस्चार्ज हुए, उनमें 50 वर्ष से अधिक उम्र के 9 बुजुर्ग शामिल हैं। जिन्होंने कोरोना को हराकर यह साबित किया है कि बुजुर्ग भी कोरोना को हराने में पीछे नहीं है। बुजुर्गों ने भोपालवासियों से अपील की है कि वे मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं तथा जरूरत पड़ने पर फीवर क्लीनिक में पहुंचकर इलाज कराएं। शिवाजी नगर निवासी 39 वर्षीय सरिता बेन ने बताया कि पहले डर लग रहा था कि घर लौट पाएंगे या नहीं, डिस्चार्ज होने के बाद सुखद महसूस हो रहा है। उन्होंने बताया कि वे आईसीयू में कुछ दिन रही। इधर अस्पताल के डॉक्टर ने सभी 42 लोगों को हिदायत दी है कि वे 7 दिन तक घर में ही रहें और संक्रमण को फैलने से रोकें। सोमवार को 48 मरीजों में से 8 हमीदिया अस्पताल से और 42 अन्य निजी अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं।