अमेरिका ने प्रशांत महासागर में तैनात किए तीन जंगी जहाज , चीन ने बताया खतरा

अमेरिका ने प्रशांत महासागर में तैनात किए तीन जंगी जहाज , चीन ने बताया खतरा

 वॉशिंगटन । अमेरिका ने प्रशांत महासागर में अपने तीन जंगी जहाजों की तैनाती कर दिए हैं। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस पर कहा है कि इससे दक्षिण चीन सागर में हमारे सैनिकों को खतरा है। चीनी नेवी विशेषज्ञ ली जीई के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका ऐसा करके प्रशांत क्षेत्र सहित पूरी दुनिया के सामने खुद को सबसे ताकतवार नौसेना शक्ति के तौर पर दिखाना चाहता है। वे इतने करीब हैं कि कभी भी दक्षिण चीन सागर में घुस सकते हैं।

चीन बोलानहीं हटेंगे पीछे

चीन के नेवी एक्सपर्ट के मुताबिक, प्रशांत महासागर में अमेरिका के जंगी जहाजों की मौजूदगी से स्प्रेटली और पैरासेल आइलैंड्स पर तैनात चीनी सैनिकों को खतरा है। चीन का कहना है कि इन आइलैंड्स के पास से गुजरने वाले उसके जहाजों को भी अमेरिकी जहाजों से खतरा हो सकता है। हालांकि चीन इस क्षेत्र में अपने हितों से पीछे नहीं हटेगा।

दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन के बीच रहा है तनाव

दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ सालों में कई बार तनाव की स्थिति पैदा हुई है। इस साल 6 अप्रैल को चीन और अमेरिका के पोत 100 मीटर की दूरी पर आमने सामने आए थे। अक्टूबर 2018 में भी एक चीनी पोत अमेरिकी वॉरशिप के 41 मीटर करीब पहुंच गया था। जून 2018 में अमेरिका के विमानों ने दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरी थी, इस पर चीन ने आपत्ति जताई थी। दक्षिण चीन सागर एक विवादित समुद्री क्षेत्र है। चीन, वियतनाम, फिलिपींस और ताईवान इसके अपना हिस्सा होने का दावा करते हैं। फिलहाल यह चीन के कब्जे में है।

 अमेरिका का दावा- पोतों की तैनाती राजनीतिक नहीं

अमेरिका ने किसी राजनीतिक या वैश्विक घटना की वजह से अपने वॉरशिप्स तैनात करने से इनकार किया है। अमेरिकी नौसेना की प्रवक्ता कमांडर रिएन मॉमसेन ने कहा कि अमेरिकी नौसेना प्रशांत क्षेत्र में हर दिन एक्टिव रहती है। यह इस क्षेत्र में साथियों की मदद के लिए मौजूद होती है। पिछले 75 साल से अमेरिकी पोत और जहाज दक्षिण चीन सागर, पूर्व चीन सागर और फिलीपिन सागर के आसपास नियमित गश्त करते हैं।

 अमेरिका ने अपने इन जंगी जहाजों को किया तैनात

अमेरिका ने थियोडोर रूजवेल्ट, रोनाल्ड रीगन और निमिट्ज वॉरशिप को फिलहाल दक्षिण चीन सागर में तैनात किया है। अमेरिका नौसेना के मुताबिक, रीगन और रूजवेल्ट पश्चिमी प्रशांत महासागर में मौजूद है। वहीं निमिट्ज पूर्वी चीन सागर में गश्त पर है। इन पर 60 लड़ाकू विमान तैनात होते हैं। 2017 में उत्तर कोरिया से विवाद के पहली बार है, जब अमेरिका ने अपने इतने जहाजों को इस क्षेत्र में तैनात किया है।

 बार-बार घुस रहे हैं चीन के लड़ाकू विमान, ताइवान के जेट्स ने बाहर खदेड़ा

ताइपे। चीन कोरोना वायरस महामारी के दौर में भी ना तो खुद शांति से बैठा है और ना ही अपने पड़ोसियों को चैन से रहने दे रहा है। एक तरफ उसके सैनिकों ने भारत के साथ लाइन आॅफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) हिंसक झड़प की तो दूसरी तरफ चीन के लड़ाकू विमान बार-बार ताइवान में घुस रहे हैं। हालांकि, ताइवान ने हर बार चीनी विमानों को खदेड़ दिया है। एक बार फिर गुरुवार को चीनी एयर फोर्स के लड़ाकू विमान ताइवान के एयरस्पेस में घुस गए। पिछले 10 दिनों में यह पांचवीं बार है, जब चीन ने इस फाइटर जेट ताइवान में घुसे हैं। इसको लेकर दोनों देशों में तनाव काफी बढ़ गया है। ताइवान एयर फोर्स ने कहा कि चीन के जे-10 और जे-11 लड़ाकू विमान ताइवान के दक्षिण पश्चिम भाग में एयरस्पेस में घुसे। नियमित पट्रोलिंग पर रहने वाले ताइवान के फाइटर्स ने चाइनीज विमानों को रेडियो पर चेतावनी दी, इसके बाद वे ताइवान के एयर डिफेंस जोन से निकल गए।