Android के नए वर्जन के लिए स्मार्टफोन मेकर्स में लगी होड़

Android के नए वर्जन के लिए स्मार्टफोन मेकर्स में लगी होड़

इसके नए वर्जन वाले डिवाइसेज की संख्या बढ़ने के साथ पुराने वर्जन में कमी हो रही है। Android Oreo घटकर 10 प्रतिशत से कम रह गया है। इसके अलावा KitKat पिछले वर्ष अगस्त में 0.9 प्रतिशत से कम होकर 0.7 प्रतिशत डिवाइसेज में है। कई स्मार्टफोन कंपनियां Android 13 ऑपरेटिंग सिस्टम को अपने डिवाइसेज के लिए रिलीज करने की तैयारी कर रही हैं।

Android को डिवेलप करने वाली Google ने बताया है कि इसका नया वर्जन लाखों स्मार्टफोन्स पर चल रहा है। इस वर्जन को लगभग पांच महीने पहले रिलीज किया गया था। Android OS का नया वर्जन इस ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले सभी डिवाइसेज में से लगभग 5.2 प्रतिशत पर है। हालांकि, यह संख्या बड़ी नहीं है लेकिन इस वर्जन के कुछ महीने पहले रिलीज होने के मद्देनजर इसे अच्छा कहा जा सकता है।

पिछले कुछ वर्षों में गूगल की ओर से एंड्रॉयड के डिस्ट्रीब्यूशन के निरंतर आंकड़े नहीं दिए जाते। Android Studio ने एक रिपोर्ट में बताया है कि स्मार्टफोन और अन्य डिवाइस मैन्युफैक्चरर्स तेजी से इस ऑपरेटिंग सिस्टम को जोड़ रहे हैं। इसमें कहा गया है कि एंड्रॉयड 12 और एंड्रॉयड 12L कुल डिवाइसेज में से 18.9 प्रतिशत पर है। इसमें पिछले वर्ष अगस्त से काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके नए वर्जन वाले डिवाइसेज की संख्या बढ़ने के साथ पुराने वर्जन में कमी हो रही है। Android Oreo घटकर 10 प्रतिशत से कम रह गया है। इसके अलावा KitKat पिछले वर्ष अगस्त में 0.9 प्रतिशत से कम होकर 0.7 प्रतिशत डिवाइसेज में है। Samsung, Google और OnePlus जैसे स्मार्टफोन ब्रांड्स फोन्स को Android OS के साथ लॉन्च कर रहे हैं। ये ब्रांड्स अपने मौजूदा स्मार्टफोन्स को भी नए वर्जन के साथ अपडेट करने में जुटे हैं।

भारत में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने एंड्रॉयड के इकोसिस्टम में दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के कारण गूगल पर पिछले वर्ष लगभग 1,338 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई थी। इस पेनल्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने इस सप्ताह रोक लगाने से मना कर दिया था। कंपनी ने CCI के ऑर्डर के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) में अपील की थी। NCLAT ने इस पेनल्टी पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया था। इसके बाद गूगल ने NCLAT के ऑर्डर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। CCI की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल N Venkataraman ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि गूगल ने भारत और यूरोप में अलग स्टैंडर्ड रखे हैं। उन्होंने कहा था कि कंपनी ने यूरोपियन कमीशन की ओर से पास किए गए समान ऑर्डर का पालन किया है।