अपीलीय बोर्ड में सदस्यों की नहीं हो पाई नियुक्ति, 5100 मामले पेंडिंग

भोपाल। मप्र वाणिज्यिक कर अपीलीय बोर्ड में स्टाफ की कमी और सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से व्यापारियों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बोर्ड में केंद्रीय विक्रय कर, मप्र वाणिज्यिक कर, वैट अधिनियम, प्रवेश कर और मप्र विलासिता, मनोरंजन तथा विज्ञापन से जुडे मामलों की सुनवाई के बाद उनका निराकरण किया जाता है। साथ ही व्यापारी द्वारा बी फार्म को लेकर भी आपत्ति जताई जाती है। बोर्ड में इस तरह के 5 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। 2003 से अस्तित्व में आया बोर्ड का गठन 2003 में हुआ था। इसके पहले मप्र राजस्व मंडल में सुनवाई होती थी। राजस्व मंडल ने उस समय 2,720 प्रकरण अपीलीय बोर्ड को ट्रांसफर किए थे। इसके बाद बोर्ड ने सुनवाई शुरू की। मार्च 2019 तक 11,549 प्रकरणों में सुनवाई कर व्यापारियों की समस्याओं का निराकरण किया गया।