इंदौर। भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान कर्नल सीके नायडू की बेटी और देश की पहली महिला कमेंटेटर चंद्रा नायडू का रविवार को इंदौर में निधन में हो गया। वे 88 वर्ष की थीं। चंद्रा नायडू यहां मनोरमागंज के सीके नायडू परिसर के एक अपार्टमेंट में अकेले रहती थीं। गर्ल्स कॉलेज में अंग्रेजी की प्रोफसर रहीं चंद्रा लंबे समय से बीमार थीं। रविवार शाम स्थानीय मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
‘अ डॉटर रिमेंबर्स’
चंद्रा नायडू ने अपने पिता की याद में 1995 में ‘सीके नायडू- अ डॉटर रिमेंबर्स ’ किताब भी लिखी।
पहली बार जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में ही सुनाया था क्रिकेट मैच का आंखें देखा हाल
चंद्रा नायडू ने अपनी पहली कमेंट्री स्थानीय नेहरू स्टेडियम में खेले गए मैच के दौरान की थी। मशहूर कमेंटटर सुशील दोषी के मुताबिक उन दिनों क्रिकेट मैच की कमेंट्री पुरुष ही किया करते थे। 1969 में मैच के दौरान पहली बार चंद्रा कमेंट्री करने पहुंचीं तो उत्साहित थीं। मैं भी उस मैच में कमेंट्री कर रहा था। चंद्रा और मैंने बा द मेें भी कई मैचों में कमेंट्री की। उनकी खासयित थीं कि वे अंग्रेजी की प्रोफेसर होने के बावजूद हिंदी में साफ उच्चारण के साथ कम शब्दों में आंखों देखा हाल सुनाती थीं। उन्होंने अपनी शैली विकसित की थी, किसी की नकल नहीं की। वे शब्दों की कीमत जानती थीं। वे जिस परिवार से आती थीं, उसका पूरा ध्यान रखतीं और गरिमा के साथ बात कहती थीं। वे कमेंट्री के दौरान किसी भी खिलाड़ी की आलोचना से परहेज करती थीं। उनके कई छात्रों ने बताया कि वे अंगे्रजी की बहुत अच्छे से पढ़ाती थीं।
कई खिलाड़ी जाते थे कर्नल का घर देखने
भारतीय क्रिकेट के हीरो रहे कर्नल सीके नायडू का घर इंदौरमें था। जब भी इंदौर में मैच होता था तो भारतीय क्रिकेट टीम और रणजी टीम के खिलाड़ी कर्नल नायडू के घर चंद्रा नायडू से मिलने जाते थे। एक बार तो रवि शास्त्री और पूरी भारतीय क्रिकेट टीम उनके घर पहुंची थी। चंद्रा की छह बहनें और दो भाई थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि हम अपने परिवार को क्रिकेट-11 कहा करते थे।