भोपाल से नहीं मिल रही अनुमति बसों का संचालन ठप टैक्स माफ कराने अड़े ऑपेरटर

भोपाल से नहीं मिल रही अनुमति बसों का संचालन ठप टैक्स माफ कराने अड़े ऑपेरटर

जबलपुर । शहर में 3 माह से ठप सार्वजनिक परिवहन अब लोगों को अखरने लगा है। इस बारे में पहले तो राज्य शासन ने 50 फीसदी क्षमता के साथ बसों के संचालन के लिए हामी भरी थी जो कि बसों का संचालन करनेवाले आॅपरेटरों को नहीं जमा। उनका साफ कहना है कि अन्य राज्यों की तरह हमें भी कोरोना पीरियड में टैक्स माफ किया जाए और आधी क्षमता से बसें चलाना हमें स्वीकार्य नहीं है,डीजल केदामों में हुई बढ़ोत्तरी के चलते किराया बढ़ाने की अनुमति दी जाए। इस बारे में अब तक शासन द्वारा निर्णय न लिए जाने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विगत मंगलवार को प्रदेश स्तरीय संगठन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन भी सौंपा था जिसके बाद अनुमान लगाए जा रहे थे कि 1-2 दिनों में बसों का संचालन शुरू हो सकता है,मगर ऐसा नहीं हो सका। राज्य शासन के अनिर्णय से हजारों लोग अंतरजिला या अंतर प्रदेश आने-जाने में असुविधा महसूस कर रहे हैं। विगत 21 मार्च से बसों के पहिए जाम हैं। शहर से करीब 650 बसों का नियमित रूप से आसपास के जिलों में संचालन होता है।इनमें अंतराज्यीय बसें व अन्य प्रदेश के लिए भी बसें आती-जाती हैं। कई बार जिन रूटों पर रेल से सफर नहीं संभव होता वहां लोग बसों के जरिये ही पहुंचते हैं। अब बसों के न चलने से बसों के चालक-परिचालकों तक को अपने परिवार पालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जरूरी काम होने से लोग प्राईवेट वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उनकी जेब पर बड़ा असर हो रहा है।

बीएस-6 मॉडल की होंगी इलेक्ट्रिक बसें

गत वर्ष शहर से 50 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन का प्रस्ताव भी भोपाल में ठंडे बस्ते में है। इन बसों के चलने से लोगों को कई सुविधाएं मिल जातीं। यह प्रस्ताव जेसीटीएसएल के द्वारा बनाया गया था। शहर में प्रदूषण कम होने के साथ पर्यावरण के लिए इन बसों का संचालन बेहद अनुकूल होता। पहले ही जितनी बसें चल रही हैं वे यात्रियों की संख्या के हिसाब से बेहद कम साबित हो रही हैं,ऐसे में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन मुफीद साबित हो सकता है।यहां तक कि सूत्र सेवा की 22 बसों को परमिट लेने में ही जेसीटीएसएल को पसीने छूट गए थे। इलेक्ट्रिक बसें बीएस-6 मॉडल की होंगी। अभी इंटरसिटी व इंट्रासिटी बसें बीएस-4 माडल की चल रही थीं। सभी बसों में सीसी कैमरे लगे होंगे जिससे इनका संचालन व मॉनीटरिंग कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से हो सकेगी।

ये हैं बस ऑपरेटरो की मांग

आधी क्षमता से बसों का संचालन करना स्वीकार नहीं है। जिस तरह से डीजल के रेट बढ़े हैं तो हमें किराया बढ़ाने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा कोरोना पीरियड का टैक्स माफ किया जाए। राजस्थान में 3 माह का टैक्स माफ हो चुका है वहीं जुलाई अगस्त व सितंबर में भी आधा टैक्स माफ हुआ है। इसी तरह यहां पर भी छूट दी जाए। इन मांगों को लेकर बस ऑपेरटर अड़े हुए हैं।

फैक्ट फाइल

650 बसों का नियमित संचालन होता है

21 मार्च से थमे हैं बसों के पहिये

2 हजार से अधिक लोगों की रोजीरोटी जुड़ी

30 से 35 हजार यात्री प्रतिदिन करते हैं यात्रा