सीबीएसई व सीआईएससीई स्कूलों के टीचर बनेंगे ‘साइकोलॉजिस्ट

भोपाल । सीबीएसई और सीआईएससीई स्कूलों के टीचर ‘साइकोलॉजिस्ट’ बन कर स्टूडेंट्स की काउंसलिंग करेंगे। स्कूल स्तर पर टीम बनेगी। मानव संसाधन मंत्रालय (एमएचआरडी) इन्हें प्रशिक्षण भी देगा। बोर्ड ने शिक्षकों की लिस्ट भी मांगी है। यह फैसला ऑनलाइन क्लास में स्टूडेंट्स के नहीं शामिल होने की शिकायत पर लिया है। इससे पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि बच्चे डिप्रेशन में तो नहीं हैं। वह किसी मानसिक तनाव से तो नहीं जूझ रहे हैं।
ऐसे होगी स्कूलों में काउंसलिंग
स्कूल खुलने पर हर दिन एक कक्षा के लिए काउंसलिंग होगी। काउंसलिंग सेल बनेगी। टीचर अब बच्चों के साथ अभिभावकों की भी काउंसलिंग करेंगे । जरूरत पड़ने पर स्कूल में मनोचिकित्सकों की भी मदद ली जाएगी।
प्रशिक्षण में इन बिंदुओं पर ध्यान
उन्हें बताया जाएगा कि वे अकेले नहीं हैं, जो इस मानसिक तनाव में हैं। यह विश्वास दिलाया जाए कि उनका स्कूल पूरी मदद करेगा। स्टूडेंट्स सावधानी रखें और पढ़ाई पर फोकस करें, ऐसा प्रयास करें। पैरेंट्स काउंसलिंग की मिलेगी ट्रेनिंग बच्चों की हर गतिविधि पर नजर रखें। पैरेंट्स बच्चों के बारे में हर प्रकार की जानकारी काउंसलिंग में दें। पैरेंट्स अभी टीचरों की भूमिका में रहें।बच्चों की पढ़ाई के साथ पैरेंट्स उनके दोस्त बनकर समय दें। पैरेंट्स मानसिक तौर पर मजबूत करें।
स्टूडेंट्स के लिए अच्छा कदम है
स्टूडेंट्स के लिए अच्छा कदम है एमएचआरडी द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित ही स्टूडेंट के लिए बहुत अच्छा साबित होगा। बच्चे स्कूल में लगभग छह घंटे तक टीचर के संपर्क में रहते हैं। कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें वह पैरेंट्स या किसी से भी शेयर नहीं कर पाते हैं। ऐसे में टीचर ही स्टूडेंट की मनोदशा को ठीक तरह से समझ सकते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें काउंसलिंग मिलेगी, तो किसी बड़ी घटना को टाला जा सकेगा। इसके साथ ही बच्चों की छोटे से ही काउंसलिंग होगी, तो वह बड़े होकर भी कोई चीज किसी से नहीं छिपाएंगे। डॉ. वैभव दुबे, मनोचिकित्सक, पीपुल्स हॉस्पिटल
स्कूल में काउंसलिंग जरूरी है
लॉकडाउन में स्कूल बंद रहे। खेलनेकूदने वाले बच्चों में तनाव हो सकता है। स्कूल में भी बच्चों को कई टेंशन होते हैं, जिसे पैरेंट से शेयर नहीं करते हैं। इसके लिए स्कूल में बच्चों की काउंसलिंग बहुत जरूरी है। नवीन तिवारी, पैरेंट
बोर्ड के निर्देश की जानकारी नहीं
बच्चों को पढ़ाई और घर के तनाव से टीचर ही काउंसलिंग कर निराकरण कर सकते हैं। स्कूलों में इसकी बहुत जरूरत है। अभी इस तरह के बोर्ड के किसी निर्देश की जानकारी नहीं है, मैं दिखवाता हूं। सौरभ जेटली, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय क्र.1