चीन के दावे स्वीकार्य नहीं, कभी नहीं की एलएसी पार कर कार्रवाई

नई दिल्ली। सीमा विवाद के बीच भारत और चीन की सेना में हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पर है। इस बीच भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर संप्रभुता को लेकर चीन के दावे को शनिवार को खारिज करते हुए जोर दिया कि चीनी पक्ष की ओर से ‘बढ़ा-चढ़ाकर’ और झूठे दावे करने के प्रयास स्वीकार्य नहीं हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि गलवान घाटी पर चीन का दावा अतीत की चीन की स्थिति के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे है और कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष द्वारा अतिक्रमण के किसी भी प्रयास का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है। चीन ने की थी कब्जे की कोशिश सैनिकों ने किया नाकाम सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण जारी किया कि कोई भी भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा और न ही किसी भारतीय चौकी पर कब्जा किया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से शनिवार को जारी बयान में साफ किया गया कि चीन ने प्रयास तो किया, लेकिन सैनिकों ने बलिदान देकर ढांचागत निर्माण और अतिक्रमण की कोशिशों को नाकाम कर दिया। पीएम मोदी के बयान के बाद राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सवाल उठाया था कि यदि चीन ने घुसपैठ नहीं किया था तब सैनिकों की शहादत हुई कैसे?