चीनी सेना की दखलंदाजी से दमचोक-चुशूल के ग्रामीण पलायन को तैयार

चीनी सेना की दखलंदाजी से दमचोक-चुशूल के ग्रामीण पलायन को तैयार

जम्मू। लद्दाख सेक्टर में चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच बने हुए तनातनी के माहौल के बीच दमचोक और चुशूल के इलाकों में जबर्दस्त दहशत का माहौल है। हालांकि चुशूल में स्थानीय नागरिकों की संख्या नाममात्र की है, पर दमचोक में 30 से 40 सदस्यों वाले गांव में माहौल को भांप कर पलायन की तैयारी चल रही है। दहशत का माहौल इसलिए है, क्योंकि 10 हजार से अधिक चीनी सैनिक भारतीय इलाकों से पीछे हटने को राजी नहीं हैं। दमचोक, गलवान घाटी, पैंगांग झील के इलाके व चुशूल में चीनी सेना की घुसपैठ या फिर भारतीय नागरिकों व भारतीय जवानों को धमकाने या उनसे झड़पों की घटनाएं कोई नई नहीं हैं। पहले भी चीनी सैनिक ऐसा करते रहे हैं। कुछ अरसा पहले तो वे दमचोक व चांगथांग इलाके में घुसकर पत्थरोंं पर लाल रंग से चाइना लिख कर चले गए थे। दमचोक में दहशत का आलम उसी समय से है। तब चीनी सैनिकों ने इन नागरिकों को इलाका खाली करने को कहा था। ये लोग 1962 के चीनी हमले के उपरांत से यहीं पर डेरा डाले हुए हैं। हालांकि दमचोक का कुछ इलाका चीनी सेना ने 1962 में कब्जा लिया था। चुशूल में भी उन्होंने ऐसा ही किया था, लेकिन वहां भारतीय सेना के मेजर शैतान सिंह ने बहादुरी के साथ चीनी सेना का मुकाबला किया था और वीरगति प्राप्त करने से पहले काफी हद तक इलाके पर चीनी सेना का कब्जा नहीं होने दिया था।

गडकरी बोले- हमने कभी भी पड़ोसी देशों की जमीन छीनने की कोशिश नहीं की

चीनी विवाद पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमने कभी भी पड़ोसी मुल्कों से उनकी जमीन छीनने की कोशिश नहीं और ना ही हम ऐसा चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारे देश के एक तरफ पाकिस्तान है, तो दूसरी तरफ चीन। हम शांति और अहिंसा चाहते हैं। हमने कभी भूटान या बांग्लादेश की जमीन को छीनने की कोशिश नहीं की। हम पाकिस्तान या चीन की जमीन भी नहीं चाहते हैं। केवल एक चीज जो हम चाहते हैं वह है शांति।