चीनी कमांडरों को दो टूक - गलावन पैंगोंग त्यो से सैनिकों को पीछे हटाएं

चीनी कमांडरों को दो टूक - गलावन पैंगोंग त्यो से सैनिकों को पीछे हटाएं

नई दिल्ली। गलवान में संघर्ष के मद्देनजर मॉल्डो में सोमवार को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए भारत-चीन की सेना के बीच एक बार फिर बातचीत हुई। चीनी सेना ने इस बैठक का आग्रह किया था। यह बैठक सुबह 11 बजे से देर रात तक करीब 11 घंटे तक चली। भारत की ओर से मीटिंग में 14वीं कोर के कमांडर लेटनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने हिस्सा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने गलावान में हुई हिंसक झड़प पर कड़ी नाराजगी जताने के साथ ही इसे क्रूर और सुनियोजित बताया है। भारत ने पूर्वी लद्दाख के गलवान और पैंगोंग त्सो इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की है। उसने कहा है चीन लद्दाख में अपने सैनिकों की पोजिशन अप्रैल की स्थिति में लाए। भारत एलएसी पर अपने निर्माण भी जारी रखेगा। उधर दिल्ली में सोमवार को आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने सेना के टॉप कमांडर्स के साथ भी हालातों को लेकर बैठक की।

उपग्रह से लिए गए चित्रों से सामने आई चीन की चतुराई

भारत से लगी सीमा के अधिक भूभाग पर दावा करने के लिए चीन ने गलवान नदी की संरचना को ही बदल दिया है। वर्ष 2010 में सैटेलाइट से ली गई इमेज से पता चलता है कि गलवान घाटी में एक संकरी पट्टी है पर कोई सड़क नहीं है। 2015-16 में चीन ने यहां चुपचाप सड़क का निर्माण शुरू कर दिया। तब सैनिक तैनात नहीं थे। मई 2020 में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इस क्षेत्र में सैनिक अभ्यास के नाम पर घुसी और नदी के आसपास सैनिकों की टुकड़ियां तैनात कर दी।

अब 25 मील के इलाके में है चीनी सैनिकों का जमावड़ा

तस्वीरों से पता चलता है कि चीन एलएसी स्थित गलवान नदी के पास के 25 मील के क्षेत्र पर अपना दावा कर रहा है। चीन के इंजीनियरों ने नदी की चौड़ाई कम कर दी है ताकि वहां सैनिकों को तैनात करने के लिए अधिक स्थान उपलब्ध हो जाए। 29 मई की सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि विवादित 25 मील क्षेत्र में चीन ने अपने सैनिकों की टुकड़ियों को तैनात कर रखा है।

सैनिकों को मारने वाले चीन का मीडिया मोदी की तारीफ क्यों कर रहा

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चीन का मीडिया पीएम मोदी की तारीफ क्यों कर रहा है? राहुल ने ट्वीट किया- चीन ने हमारे सैनिकों को मार दिया। हमारी जमीन ले ली। फिर चीन हमारे पीएम की तारीफ क्यों कर रहा है?उन्होंने पीएम के बयान पर चीनी अखबारों में छपी रिपोर्टों का हवाला दिया। उधर, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा, रणनीति और सीमाओं के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोच-समझकर बयान देना चाहिए। मनमोहन के सवाल पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के तौर पर भारत की सैकड़ों वर्ग किलोमीटर भूमि चीन को सौंप दी।