सीएमएचओ डॉ. वर्मा ने पद छोड़ने लिखा पत्र
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ग्वालियर। सीएमएचओ डॉ. एस के वर्मा ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर उन्हें उनके पद से मुक्त करने का लेटर स्वास्थ्य विभागा को लिखा है। कांग्रेस की सरकार के समय पूर्व सीएमएचओ डॉ. मृदुल सक्सेना को हटाकर डॉ. एस के वर्मा को सीएमएचओ की कमान दी थी, लेकिन उन्होंने अचानक व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर सीएमएचओ के पद से हटाने का लेटर लिखकर उन लोगों को फिर से मौका दे दिया है जो इनको हटाने का प्रयास में लगे हुए थे। हालांकि डॉ. वर्मा ने अपने लेटर में व्यक्तिगत कारण लिखा हैं, लेकिन सूत्रों की माने तो उनके यह पत्र लिखने की वजह पूर्व सीएमएचओ डॉ. मृदुल सक्सेना के कारनामें है, डॉ. सक्सेना ने अपने कार्यकाल के समय बिना किसी लिखित आर्डर के इंदौर की एक कंपनी से लाखों रुपए की दवाईयां बिना बजट के खरीदने का है। जिस कंपनी ने पूर्व सीएमएचओ ने दवाई खरीदी थी अब वह कंपनी अपने पमेंट के लिए दबाव बना रही है यह दबाव राजनैति भी है इसीलिए डॉ. वर्मा यह पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं कंपनी राजनैतिक दबाव भी इन पर डलवा रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा से जुडे डॉक्टरों ने भी सिविल सर्जन का पद हासिल करने के लिए नेताओं से जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है। घोटालों में फंसे पूर्व सीएमएचओ डॉ. सक्सेना पर दो जांचे भी चल रही हैं। मैने अपने व्यक्तिगत कारणों से विभाग का पत्र लिखा है और मैं अपने व्यक्तिगत कारणों से अब इस पद रहना नहीं चाहता हूं।
एक हॉस्पिटल को बंद काराने का भी दबाव
सीएमएचओ के अपने पद को छोड़ने के पीछे एक दूसरी शहर के एक फेमस डॉक्टर द्वारा निजी हॉस्पिटल को खरीदने की चाह भी बताई जा रही है। ऐसी सूचना है कि यह डॉक्टर साहब जिस हॉस्पिटल को खरीदना चाहते हैं उसको लेकर सीएमएचओ पर यह प्रेशर डाला जा रहा है कि वह इस हॉस्पिटल के बंद करा दे जिससे सस्ते में यह हॉस्पिटल खरीद सके, इन डॉक्टर साहब का पहले हॉस्पिटल था, लेकिन वह अब टूट चुका है।