बिल्डर्स का दबाव : अवैध निर्माणों को वैध करने शुरू हुए कंपाउंडिंग सर्वे पर दो दिन में ही ब्रेक

भोपाल। बिल्डिंग परमिशन से ज्यादा किए गए (अवैध) निर्माणों को कंपाउंडिंग कर वैध करने की कवायद दो दिन में ही थम गई। हालांकि ये पहला मौका नहीं है, जब कंपाउंडिंग सर्वे बीच में ही थम गया हो। चार साल पहले भी महज 12 दिनों में यह प्रक्रिया थम गई थी। सूत्रों के मुताबिक बिल्डरों को कंपाउंडिंग सर्वे रास नहीं आ रहा था। लिहाजा कुछ बिल्डर्स ने निगम आयुक्त से मुलाकात की। इसके बाद चीफ सिटी प्लानर ने सर्वे रोकने का फरमान सुना दिया। जबकि इस मामले में सभी जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली है। बता दें कि नगर निगम आयुक्त वीएस चौधरी के फरमान पर बिल्डिंग परमिशन सेल अधिकारियों ने ऐसी इमारतों की कुंडली बनाना शुरू की थी, जिनमें परमिशन से ज्यादा निर्माण किया गया है। मंगलवार को बिल्डिंग परमिशन अफसरों और इंजीनियरों ने जोन-13 से सर्वे शुरू किया। इस दौरान बहुमंजिला इमारतों और कवर्ड कैंपस सहित निर्माणाधीन इमारतों का जायजा लिया गया। जहां अवैध निर्माण मिला उन्हें नोटिस थमाया गया। बुधवार को भी सर्वे हुआ और इन दो दिनों में टीम ने बावड़ियाकला और अयोध्या बायपास सहित आसपास के एरिया के 16 बिल्डरों को नोटिस थमा दिया। जिसमें बिल्डर्स को एक हते में एप्रूव्ड प्लान पेश करने के साथ रूप टॉप रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और तड़ित चालक लगाने का अल्टीमेटम दिया गया।
रास्ते से वापस लौटी टीम
सूत्रों की मानें, तो बीते दो दिनों की तरह बिल्डिंग परमिशन की टीम सर्वे को निकल चुकी थी। गुरुवार को टीम ने रूट होशंगाबाद रोड तय किया था। लेकिन इसी दौरान सिटी प्लानर विजय सावलकर का फोन आया और टीम को सर्वे रोकने के निर्देश मिले। लिहाजा टीम बीच रास्ते से लौट गई।
सर्वे से ही मुकर गया नगर निगम
दिलचस्प बात ये है कि शहर में अवैध निर्माण वैध करने का सर्वे मंगलवार से शुरू हुआ। सर्वे का आधिकारिक प्रेस नोट निगम जनसंपर्क शाखा से जारी किया गया। जिसमें कहा था कि बिल्डरों को नोटिस जारी किया गया। लेकिन गुरुवार को बिल्डर्स से मुलाकात के बाद निगम प्रशासन बात से मुकर गया। आयुक्त का कहना था कि न सर्वे किया और न ही किसी बिल्डर को नोटिस जारी किया गया है।