बेस्ट ऑफ फाइव का लाभ मिलने पर असमंजस

बेस्ट ऑफ फाइव का लाभ मिलने पर असमंजस

भोपाल। बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट को लेकर दसवीं और बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट के साथ-साथ अभिभावकों की धड़कनें भी बढ़ रही हैं। सबसे अधिक चिंता में वह स्टूडेंट हैं, जिनके पेपर कुछ खास अच्छे नहीं गए। यह बच्चे और इनके पैरेंटस माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की हेल्पलाइन पर कॉल कर बेस्ट ऑफ फाइव योजना के बारे में सवाल पूछ रहे हैं। रिजल्ट की डेट्स और सप्लीमेंट्री एग्जाम डेट्स को लेकर भी बच्चे और पैरेंटस के कॉल लगातार हेल्पलाइन पर पहुंच रहे हैं। अभिभावकों को भी गाइडेंस: बता दें कि हेल्प लाइन पर जितने कॉल्स बच्चों के पहुंच रहे हैं, लगभग उतनी ही संख्या में अभिभावक भी कॉल कर सवाल पूछ रहे हैं। खासकर दसवीं के रिजल्ट को लेकर अभिभावकों को चिंता है कि जिन विषयों के पेपर नहीं आयोजित किए गए हैं, उनसे क्या बच्चे का रिजल्ट प्रभावित हो सकता है। अभिभावकों के इन सवालों के जवाब देने के साथ ही हेल्पलाइन में मौजूद रहने वाले काउंसलर उन्हें यह भी गाइड कर रहे हैं, जिससे कि वह बच्चों से बेहतर सामंजस्य बैठाएं।

छह माह में 92 हजार कॉल्स, शेष पेपरों के बारे में भी पूछा गया

हेल्पलाइन से मिली जानकारी के मुताबिक एक जनवरी से अब तक उनके पास करीब 92 हजार शिकायतें पहुंच चुकी हैं। हेल्पलाइन प्रभारी ने बताया कि रिजल्ट केसंबंध में जानकारी लेने के चलते बीते एक सप्ताह से कॉल की संख्या चार गुना तक हो गई है और एक दिन में औसतन 2000 कॉल्स तक पहुंच रही हैं। प्रभारी के मुताबिक हेल्पलाइन शुरू होने से लेकर अब तक सबसे अधिक कॉल्स अप्रैल, मई और जून माह में दर्ज हुई हैं। खासकर लॉकडाउन पीरियड में बचे हुए पेपर की परीक्षा कब होगी, यह जानकारी लेने के लिए सबसे अधिक कॉल्स आर्इं। अकेले लॉकडाउन पीरियड में हेल्पलाइन पर 60 हजार कॉल्स पहुंची हैं। इनमें कोरोना अपडेट और बचाव से जुड़ी कॉल्स भी शामिल हैं।