संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सीएम को किया ट्वीट

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संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सीएम को किया ट्वीट

ग्वालियर। कोरोना महामारी के बीच गांव-गांव जाकर सेंपल लेने एवं नियमति स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ बराबर काम करने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी प्रदश सरकार से नाराज हो गए है। इन खफा कर्मचारियों ने रेग्युलर कर्मचारियों के समान 90 फीसदी वेतन की मांग को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान को ट्वीट कर गुहार लगाई है। संविदा स्वास्थ्य संघ के मीडिया प्रभारी धर्मवीर शुक्ला ने बताया की 5 जून 2018 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा नीति लागू की थी। इस नीति में उन्होंने प्रावधान रखा था कि संविदा कर्मियों को रेग्युलर कर्मचारियों के 90% वेतनमान मिलेगा, लेकिन 19 हजार कर्मचारियों केवल 10 से 15 हजार रुपए की सैलरी में काम कर रहे हैं। आज दिनांक तक संविदा कर्मियों को इस नीति से कोई भी फायदा नहीं हुआ। इसके साथ ही निष्कासित साथियों की वापसी भी नहीं हो सकी सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए 5 जून 2020 को पूरे 2 साल हो गए हैं प्रदेश भर में सभी कर्मचारियों को उम्मीद है कि सीएम अब उनकी परेशानी समझकर उनकी मांग को पूरा करेंगे।

सीपीएफ फंड को लेकर सौंपा ज्ञापन
 जेएएच के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने शनिवार को संभागायुक्त के नाम  जेएएच के अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ को ज्ञापन देकर सीपीएफ फंड का भुगतान की मांग की है। मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष योगेन्द्र परमार, राकेश सिकरवार एवं कामता प्रसाद ने बताया कि कर्मचारियों को सीपीएफ फंड का कटौती तो हर माह होती है, लेकिन जब किसी कर्मचारी को इस फंड की जरूरत होती है उसे यह नहीं दिया नहीं जाता है जिससे कर्मचारी परेशान है। कर्मचारियों का कहना है कि अधीक्षक ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इनकी परेशानी से संभागायुक्त एमबी ओझा को अवगत कराएंगे और उनकी समस्या का शीघ्र हल होगा। ज्ञापन देने वालों में पवन कौशल, अतर सिंह, राकेश गौड़, प्रेम कोरी आदि शामिल थे।