ठेकेदारों ने शासन के रिजर्व रेट से कम लगाई बोली शराब दुकानों के लिए नहीं हो पाए टेंडर

जबलपुर । जिले में शराब का विक्रय आबकारी विभाग के हाथों में है। जिले में 143 शराब दुकानों में से 66 शराब दुकान संचालित है। वहीं शासन के निर्देश पर जिले की शराब दुकानों को दो समूहों में बांटा गया है। उत्तर समूह और दक्षिण समूह जिसके लिए टेण्डर मंगाए गए थे,और 4 लोग टेण्डर किए थे। गुरुवार को शराब दुकानों के लिए ठेकेदारों ने बोली लगाई। लेकिन बोली शासन की रिजर्व रााशि से कम की लगी। लिहाजा एक बार फिर से शराब दुकानों के टेण्डर प्रकिया के तहत नीलामी नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि शासन के रिजर्व राशि के अनुसार उत्तर समूह के लिए 2 अरब 31 करोड़ रुपए और दक्षिण समूह में 2 अरब 33 करोड़ रुपए में होना है। लेकिन दोनो समूहों के लिए 119 करोड़ और 120 करोड़ तक ही बोली लग पाई। शासन के तय राशि के मुताबिक 50 प्रतिशत कम में ठेकेदारों ने बोली लगाई और नीलामी नहीं हुई है। साथ ही अब जब शासन के निर्देश आएंगे तो अगली तिथि पर फिर से टेण्डर होंगे। अभी के लिए टेण्डर प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। महंगे रेट पर बिक रही शराब जिले में बिक रही शराब के दाम अधिक होंने के कारण शराब के शौकीनों में आक्रोश है। दरअसल शराब दुकानों में ठेकेदार के ही लोग काम कर रहे है और वहीं लोग विक्रय कर रहे है जिसके कारण मनमाफिक रेट पर शराब बेची जा रही है।
नहीं लगी रेट लिस्ट
विगत दिनों सहायक आबकारी आयुक्त ने सभी शराब दुकानों के बाहर रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन शराब दुकानों के बाहर कोई भी रेट लिस्ट नहीं लगाई गई है। जो भी ग्राहक शराब खरीदनें जाता है अगर रेट लिस्ट मांगता है तो उससे अभद्रता की जाती है। जिसके कारण ग्राहकों में आक्रोश है।