अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक है कोरोना का संक्रमण

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अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक है कोरोना का संक्रमण

ग्वालियर। कोरोना का कहर हालांकि इंदौर व भोपाल की तुलना में शहर में कम है, लेकिन कोरोना अस्थमा के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है। अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति की तुलना में अस्थमा के मरीज को कोरोना से ठीक होने में अधिक समय लग सकता है। जानकारों की माने तो अस्थमा एवं डायबिटीज के मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य मरीज की तुलना में काफी कम हो जाती है जिसके कारण अगर इसके मरीज को कोरोना होता है तो वह काफी देरी से रिकवर करता है अस्थमा के मरीज को सांस लेने में दिक्कत रहती है और कोरोना संक्रमण में भी मरीजों के फेफड़ों में ही इंफेक्शन होता है जिसकी वजह से उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सामान्य बीमारियों की तुलना में अस्थमा के मरीज को अगर कोरोना हो जाए तो कोरोना से ठीक होने में अधिक समय लगता है। अस्थमा के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है इसलिए वह सामान्य व्यक्ति की तुलना में धीमी गति से रिकवर करता है। बारिश के सीजन वायरस जनित बीमारियां होने का खतरा अधिक हो जाता है।

बदलता मौसम होता है खतरनाक
जानकारों की माने तो अस्थमा के मरीज के लिए आर्द्रता एवं तापमान में बदलाव यानि की मौसम में परिवर्तन अधिक खतरनाक होता है। प्री मानसून की बारिश हो चुकी है और मानसून भी चंद दिन में शहर में दस्तक देने वाला है। ऐसे में मौसम ठंड़ा होगा तो अस्थमा के मरीज की समस्याएं बढ़ जाएंगी। बारिश में हेपेटाइटिस बी , डेंगू का कहर भी बढ़ने वाला है।