बिल्डिंग परमिशन के लिए नहीं लगाने होंगे निगम के चक्कर, 800 फुट तक दायरा लागू

Corporation will not have to apply for building permission, scope up to 800 feet

बिल्डिंग परमिशन के लिए नहीं लगाने होंगे निगम के चक्कर, 800 फुट तक दायरा लागू

ग्वालियर। बिल्डिंग परमिशन लेने में आने वाली दिक्कतों को खत्म करने के लिए अब लोगों को निगम दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे। क्योंकि निगम ने आॅनलाइन 800 फुट के प्लॉट साइज की स्वीकृत डिजाइन का चयन कर निर्माण स्वीकृति देने की शुरूआत कर दी है। साथ ही इस पूरी प्रोसेस में डीसीआर (स्कूर्टनी) प्रोसेस मुक्त रखा गया है। दूसरी ओर रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट को खुद से एक माह में बिल्डिंग परमिशन देने की प्रोसेस भी शुरू करने की तैयारी हो गई है। नगर निगम की भवन शाखा द्वारा भवन निर्माण स्वीकृति प्रक्रिया में एक बार फिर परिवर्तन किया गया है। प्रशासक एमबी ओझा द्वारा दिए गए प्रस्ताव के अनुसार लॉक डाउन में आम जनता घर से बाहर नहीं निकल रही है, इसलिए भवन निर्माँण अनुमति की सुविधा को बदला गया है। जिससे लोग घर बैठे ही निर्माण स्वीकृति ले सकें। इस प्रस्ताव पर अमल करते हुए सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा ने आॅन लाईन निर्माण स्वीकृति सॉफ्ट वेयर(एबीपीएस2) में बदलाव करने के लिए प्रभारी को निर्देशित कर प्रक्रिया शुरू की गई। आगे से आम नागरिक घर से निकल बिना किसी आर्किटेक्ट के पास जाए अपने घर से ही आॅन लाईन निर्माण अनुमति प्राप्त कर सकेगा। इस पूरी प्रक्रिया में पहले समस्या आ रही थी जिसे सुधार के लिए डीसीआर सेल के हेड को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है। डीसीआर सेल की र्स्कूटनी में विलंब हो रहा था इसलिए नई प्रक्रिया को र्स्कूटनी से दूर रखा गया है। अब आवेदक को बिना किसी परेशानी के घर बैठे ही निर्माण स्वीकृति मिल जाएगी। आवेदक स्वंय शुल्क भी जमा कर सकता है। इसके लिए सोमवार को एक निर्माण स्वीकृति देने का ट्रायल भी किया गया है। बिल्डिंग परमिशन देने की व्यवस्था में बदलाव कर दिया है। जिसके बाद आम आदमी घर बैठे सुविधा का लाभ लें सकेंगे।

चयन नहीं करना चाहते, तो यह प्रोसेस
यदि लोग मॉडल डिजाइन का चयन नहीं करते हैं तो उन्हें फिर आर्किटेक्ट या नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन लेनी होगी। इसके तहत आर्किटेक्ट्स मकान का नक्शा बनाएंगे। उससे संबंधित जानकारी निगम की बिल्डिंग परमिशन की वेबसाइट से जांचेंगे। इसके बाद आर्किटेक्ट और परमिशन लेने वाले व्यक्ति के बीच एग्रीमेंट होगा। साइट वेरिफिकेशन कर नक्शा मंजूर कर दिया जाएगा।