दलित एजेंडा: बरैया के बहाने कांग्रेस पर निशाना

भोपाल। भाजपा ने उपचुनाव से पूर्व राज्यसभा के लिए कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के बहाने दलित एजेंडा का मुद्दा उठाकर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। पार्टी इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी मुहिम चला रही है। भाजपा का आरोप है, राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को पहली प्राथमिकता देकर बरैया को दूसरे नंबर का प्रत्याशी घोषित करना उसके दलित विरोधी चेहरे को उजागर करता है। दो दर्जन सीटों में से चंबल- ग्वालियर की 16 सीटों पर उपचुनाव होना है। पिछले चुनाव में भाजपा को इस क्षेत्र में भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार वह कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। पार्टी नेताओं का मानना है कि संख्या बल के आधार पर फूल सिंह बरैया का हारना स्वाभाविक है। इसके बाद कांग्रेस उन्हें भांडेर से उपचुनाव लड़ाने के साथ उनका उपयोग चंबल-ग्वालियर संभाग की 16 सीटों पर दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए कर सकती है। इसलिए रणनीति के तहत भाजपा बरैया के बहाने पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय पर हमले कर रही है। रविवार को सोशल मीडिया पर कई नेताओं ने इस पर ट्वीट भी किए।
बरैया को दूसरे क्रम का प्रत्याशी घोषित करना उनके साथ धोखा
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को पहली प्राथमिकता देकर बरैया को दूसरे नंबर का प्रत्याशी घोषित करना उसके दलित विरोधी चेहरे को उजागर करता है। बरैया को पहली प्राथमिकता न देना दुर्भाग्यजनक है, क्योंकि कांग्रेस को पता है कि दूसरा प्रत्याशी संख्या बल कम होने के कारण चुनाव नहीं जीत सकता।
शोषित वर्ग के साथ कांग्रेस ने हमेशा से अन्याय किया
दिग्विजय सिंह को वरीयता क्रम में प्रथम प्रत्याशी बनाकर और फूल सिंह बरैया को राज्यसभा न भेजकर दलित विरोधी कांग्रेस अपनी सामंती सोच का परिचय दे रही है। पीड़ित, शोषित, दलित और वंचित वर्ग के साथ कांग्रेस हमेशा से अन्याय करती रही है। बरैया के मामले में कांगे्रस का असली चेहरा सबके सामने आ गया है।