कोरोना ड्यूटी में लगी फार्मासिस्ट की मौत, न्याय के लिए सड़क पर परिवार

भोपाल। केंद्र और राज्य सरकार ने कोरोना ड्यूटी में लगे स्वास्थ्यकर्मियों की मौत होने पर 50 लाख रुपए का बीमा कवर की घोषणा की है, लेकिन शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में कोरोना ड्यूटी के दौरान ब्रेन हेमरेज से मृत फार्मासिस्ट का परिवार शासन से इलाज पर हुआ खर्च तक रिएंबर्स कराने के लिए भटक रहा है। महिला के पति लोकेंद्र शर्मा अपनी 60 वर्षीय मां और 5 साल के बेटे उदित के साथ दो दिनों से भोपाल में सड़क पर दिन-रात काट रहे हैं। उन्होंने वल्लभ भवन और सीएम हाउस में मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की, लेकिन सीएम से मुलाकात नहीं हो सकी। लोकेंद्र ने सीएम हाउस में अपनी शिकायत सौंपकर मदद की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि सभी को लिखा पत्र, लेकिन मदद नहीं मिली।
5 साल के बेटे को छोड़कर कोरोना की ड्यूटी में लगी थी वंदना
मेरी पत्नी वंदना तिवारी (28) मार्च 2019 में शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में बतौर फॉर्मासिस्ट पदस्थ हुई थीं। कोरोना संकट के बीच शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के डीन की तरफ से एक पत्र जारी हुआ था, जिसमें कोरोना को देखते हुए पत्नी के अलावा 9 फार्मासिस्टों की ड्यूटी लगाई गई थी। इसके बाद पत्नी ने 5 साल के बेटे को मेरे पास ग्वालियर भेजा और ड्यूटी कर रही थी। 31 मार्च को ड्यूटी के दौरान उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ। उन्हें सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिला। बाद में मैं बिड़ला अस्पताल ले गया। 7 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना ड्यूटी में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की मौत पर 50 लाख रुपए का बीमा कवर देने की घोषणा की थी, लेकिन हमें यह मदद तो दूर, पत्नी के मेडिकल बिलों तक का पैसा नहीं मिला है। मैंने स्थानीय विधायक मुन्नालाल गोयल, स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र भेजा है, लेकिन हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिली है। इसीलिए सीएम के सामने अपनी बात रखने के लिए भोपाल आया था।