अमेरिका में अब मौत की सजा गोली मारकर

अमेरिका में अब मौत की सजा गोली मारकर

वाशिंगटन। अमेरिका के इडाहो राज्य की सरकार ने खतरनाक कानून बनाया है, जिसके तहत अपराधियों को अब मौत की सजा सीधे गोली मारकर दी जाएगी। दरअसल, इस कानून के अंतर्गत मौत की सजा पाने वाले कैदियों को जल्द ही एक फायरिंग दस्ते द्वारा मारा जाएगा। बताया गया है कि राज्य विधानमंडल ने हाल ही में घातक इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की सजा देने की अनुमति देने वाला एक विधेयक पास किया है। कंजरवेटिव स्टेट की सीनेट ने बिल को 11 के मुकाबले 24 वोटों से पास कर दिया। बिल पर अब राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून में बदल जाएगा।

घटनाएं छोड़ेंगी स्थायी निशान

वहीं गैर-लाभकारी संगठन अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने इस कानून के पारित होने को भयावह बताया है और नियम को पुरातन तक कह डाला है। संगठन ने कहा, फायरिंग दस्ते विशेष रूप से भीषण होते हैं। इस तरह की घटनाएं इसमें शामिल सभी लोगों पर स्थायी निशान छोड़ती हैं। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन के विशेषज्ञों ने कहा कि फायरिंग दस्ते द्वारा मारे गए लोगों को दर्द और यातना के चरम स्तर का अनुभव होने की संभावना है। बता दें, फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की अनुमति घातक इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने की दशा में दी जाएगी। हाल ही में, ऐसे अमेरिकी राज्य जिनमें मृत्युदंड की अनुमति है, घातक इंजेक्शन के लिए जरूरी रसायनों को प्राप्त करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। यह कथित तौर पर दवा कंपनियों के विरोध के कारण है, जो फांसी के साथ अपना नाम जोड़ने से हिचकिचाती हैं।

फायरिंग दस्ता

राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद इडाहो पांचवां अमेरिकी राज्य बन जाएगा, जो फायरिंग दस्ते द्वारा मौत की सजा को मंजूरी देगा। डेथ पेनल्टी इंफॉर्मेशन सेंटर के अनुसार अन्य 4 राज्य उटाह, ओक्लाहोमा, मिसिसिपी और साउथ कैरोलिना हैं।

मौत की सजा देने में ईरान टॉप पर, अमेरिका 5वें नंबर पर

सजा-ए-मौत को लेकर साल 2020 के आंकड़े के मुताबिक ईरान मौत की सजा देने में नंबर वन है। यहां 246 लोगों को मौत सुनाई गई। दूसरे नंबर पर मिस्र है, यहां 107 लोगों को सजा-ए-मौत दी गई। तीसरा नंबर इराक में 45 लोगों को मौत दी गई। चौथे नंबर पर सऊदी अरब था जहां 27 लोगों को कैपिटल पनिशमेंट मिली जबकि 5वें नंबर पर अमेरिका है, यहां 45 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई।

अमेरिका में 3 लोगों को दी गई थी फायरिंग से मौत

अमेरिका में 1976 से दो पुरुषों और एक महिला को फायरिंग से मौत की सजा दी गई है। आखिरी बार 2010 में यह सजा दी गई थी। इन तीनों लोगों को अमेरिकी राज्य उटाह में मौत की सजा दी गई थी।