कोरोना से जान बचाने वाली पहली दवा साबित हुई डेक्सामेथासोन : ऑक्सफोर्ड

कोरोना से जान बचाने वाली पहली दवा साबित हुई डेक्सामेथासोन : ऑक्सफोर्ड

लंदन। सस्ती और हर जगह मिलने वाली दवा डेक्सामेथासोन कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर रूप से बीमार मरीजों की जान बचाने में मदद करने वाली साबित हुई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों का कहना है कि जिन मरीजों को गंभीर रूप से बीमार पड़ने की वजह से वेंटिलेटर का सहारा लेना पड़ रहा है, इस दवा की थोड़ा डोज लेने पर उनकी मौत का जोखिम करीब एक तिहाई तक कम हो जाता है। जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, उन्हें यह दवा दी जाए तो उनकी मौत की संभावना भी काफी कम हो जाती है।

दस दिन के इलाज का खर्च महज 5 सौ रुपए

डेक्सामेथासोन के दस दिन के इलाज का खर्च एक मरीज पर करीब मात्र पाँच सौ रूपया पड़ता है। इसलिए करीब महज साढ़े तीन हजार रुपए में एक मरीज की जान बचाई जा सकती है। यह दवा हर जगह मिलती है। हालांकि जिन मरीजों में हल्के लक्षण हैं, उनके लिए यह दवा कारगर नहीं साबित हुई।

ब्रिटेन: नई वैक्सीन का मनुष्य पर परीक्षण शुरू

इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित कोरोना वायरस की वैक्सीन का इस हते मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया गया है। पहली बार वैक्सीन का परीक्षण मनुष्य पर किया जा रहा है, जिसमें पता लगाया जाएगा कि क्या यह कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी एंटीबॉडी पैदा करता है या नहीं। इंपीरियल कॉलेज में संक्रामक रोग विभाग के प्रोफेसर रॉबिन शटोक ने कहा- जून 2021 तक यह बाजार में आ पाएगा।