कंपनियों को पूंजीगत निवेश बढ़ाने का निर्देश

नई दिल्ली। सरकार ने आधारभूत ढांचा क्षेत्र से जुड़े मंत्रालयों के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न तथा नवरत्न कंपनियों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने का निर्देश दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सभी महारत्न और नवरत्न कंपनियों के उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने चालू वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय के उनके लक्ष्यों, अब तक किए व्यय और अगली दो तिमाहियों के लिए पूंजीगत व्यय योजना की समीक्षा की। इसमें वित्त सचिव राजीव कुमार, वित्तीय मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती और व्यय सचिव जी.सी. मुर्मू भी मौजूद थे। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की 32 कंपनियों के प्रमुखों या उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। पूंजीगत व्यय बढ़ाने की कोशिश सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए किये जा रहे विभिन्न प्रयासों की श्रृंखला में सरकार पूंजीगत व्यय बढ़ाने की भी पूरी कोशिश कर रही है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम करने वाले बड़े मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक बैठक कर उनकी पूंजीगत व्यय की समीक्षा की थी और व्यय बढ़ाने तथा त्योहारों से पहले छोटे तथा मझौले उद्योगों के बकाये के भुगतान का निर्देश दिया था। जीडीपी में सरकारी खरीद का योगदान पांच खरब डॉलर के करीब वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय लोक उपक्रमों और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा भारतीय रेल जैसे विभागीय उपक्रमों का देश की अर्थव्यवस्था में अचल परिसंपत्ति निर्माण में काफी योगदान रहा है। एक आंकलन के अनुसार, देश के सकल घरेलू उत्पाद में सरकारी खरीद का योगदान 20 से 22 प्रतिशत के बीच है यानी 27 खरब डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था में सरकारी खरीद का योगदान पांच खरब डॉलर के करीब है। उसने बताया कि वस्तुओं और सेवाओं की सरकारी खरीद में लोक उपक्रमों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। सीतारमण ने बैठक में मौजूद लोक उपक्रमों के प्रतिनिधियों से मौजूदा वित्त वर्ष की अगली दो तिमाहियों में पूंजीगत व्यय में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने व्यय लक्ष्य बढ़ाने और जमीनी स्तर पर इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
समय से हो बकाया
भुगतान बैठक में यह तय किया गया कि वित्त मंत्रालय इन कंपनियों के पूंजीगत व्यय की स्थिति की नियमित समीक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि बकाया भुगतान समय से होना चाहिए। छोटे तथा मझौले आपूर्तिकर्ताओं का बकाया भुगतान जल्द से जल्द करने के लिए विशेष प्रयास किये जाने चाहिए।
पूंजीगत व्यय का विवरण
कंपनियों ने अगस्त 2019 तक किये गये अपने पूंजीगत व्यय का विवरण वित्त मंत्री के समक्ष रखा और अगली दो तिमाहियों के लक्ष्य से उन्हें अवगत कराया। ओएनजीसी ने बताया कि उसने मौजूदा वित्त वर्ष में 32,921 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश का लक्ष्य रखा है, जिसमें अगस्त तक 8,777 करोड़ रुपए का निवेश किया जा चुका है।