युद्ध के दौरान सैनिकों को नाराज मत कीजिए, सरकार रखे ध्यान

युद्ध के दौरान सैनिकों को नाराज मत कीजिए, सरकार रखे ध्यान

नई दिल्ली। कुछ जगह डॉक्टरों को वेतन नहीं मिलने की खबरों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने साफ किया कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे सैनिकों (डॉक्टरों) को असंतुष्ट नहीं रखा जा सकता। यह भी कहा कि केंद्र सरकार को मेडिकल प्रोफेशनल्स के मुद्दे पर और विचार करना चाहिए। डॉक्टरों के हालात को लेकर आरुषि जैन ने याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद और दिल्ली की मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं मिलने की बात सामने आई थी। ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। इस मामले में सिर्फ लीपा- पोती से काम नहीं चलेगा। कोर्ट के मुताबिक,ऐसी खबरें मिली थीं कि तीन महीने से सैलरी न मिलने के कारण डॉक्टरों को हड़ताल पर जाना पड़ा। सरकार इस बात का ध्यान रखे कि इन मसलों को कोर्ट को दखल देने की जरूरत ही न पड़े। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के पास फुल पीपीई किट भी नहीं है।

गंभीर मरीजों को नहीं दी जाएगी एजिथ्रोमाइसिन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालाय ने कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को एजिथ्रोमाइसिन की दवाई देने पर रोक लगा दी है। एजिथ्रोमाइसिन को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के कॉम्बिनेशन के साथ कोरोना के गंभीर मरीजों को इलाज के लिए दिया जा रहा था। एजिथ्रोमाइसिन कोरोना के मरीजों के लिए ज्यादा फायेदमंद साबित नहीं है।

उर्दू के मशहूर शायर गुलजार देहलवी का निधन

उर्दू के मशहूर शायर आनंद मोहन जुत्शी गुलजार देहलवी (93) का कोरोना से उबरने के 5 दिन बाद शुक्रवार को निधन हो गया। बेटे अनुप ने कहा, 7 जून को उनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था, हम उन्हें घर ले आए थे। डॉक्टरों को लगता है शायद उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया।