बिच्छू पकड़ने का मंत्र नहीं आता है तो सर्प पर न डालें हाथ : कौशलेंद्र सिंह

Do not put a hand on the snake if you do not know how to catch a scorpion: Kaushalendra Singh

बिच्छू पकड़ने का मंत्र नहीं आता है तो सर्प पर न डालें हाथ : कौशलेंद्र सिंह

ग्वालियर। को-रोना वायरस ने ग्वालियर में भी सरकारी गतिविधियों को खासा प्रभावित किया है। प्राथमिकताएं भी बदल रहीं हैं, हमें छपास रोग नहीं है, इसलिए कोई अन्य नवाचार, इनोवेशन की और ध्यान नहीं है। बस यही देखना है कि हमारे जिले में यह ग्लोवल हो रहे वायरस के चलते किसी को रोना न पड़े, इसलिए को-रोना से लोग सुरक्षित रहें सामाजिक दृष्टिकोण से यही हमारा प्रयास है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, एनजीओ और समाज के प्रेशर ग्रुपों का भी उपयोग किया जाएगा। पीपुल्स समाचार के साथ कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बेबाकी से बात रखी। सवाल : ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होते ही सरकार ने आपको विशेष प्राथमिकताओं के साथ ग्वालियर भेजा है हम क्या कर पाएं हैं और क्या कुछ खास करेंगे। जवाब : इस समय को-रोना ग्लोवल होकर हमारे सामने खड़ा हो गया है। डब्ल्यूएचओ, भारत सरकार और प्रदेश सरकार ने एडवायजरी जारी की है। हमारा पूरा ध्यान अब को-रोना को लेकर ही है। एडवायजरी के हिसाब से दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। पूरा प्रयास है कि किसी भी स्तर पर चूक न हो। सवाल : जमीन, जंगल, शिक्षा और चिकित्सा, रेत में छाए माफिया के खिलाफ कार्रवाई के सूत्र को लेकर ही आपको विदिशा से ग्वालियर भेजा गया है। अब अपनी प्राथमिकता में क्या है? जवाब : कौशलेन्द्र सिंह ने सटीक जवाब दिया और बोले, माफिया का मतलब वह नहीं जो हम लोग चर्चा में लेते रहे हैं। हमें जमीन या किसी अन्य प्रकार के क्षेत्र में हो रहीं गड़बड़ों को पूरी सू्क्ष्मता के साथ अध्ययन जरूरी है। हमें बिच्छू पकड़ने का मंत्र नहीं आता और हाथ डाल देते हैं सर्प पर । नतीजा क्या होता है सब जानते हैं। पहले बिच्छू पकड़ने का मंत्र आना चाहिए। देर भले ही हो जाए लेकिन काम ठोस होना चाहिए। सवाल : तेजी के साथ फैल रही बीमारी क ी रोकथाम के लिए एडवाजयरी के अतिरिक्त और क्या प्रयास हैं। जवाब : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, आशा, एएनएम जैसे हमारे पास जमीनी वर्कर हैं। हम समाज में जनजागरण के लिए इनका उपयोग करेंगे। बुधवार को हमारी शांति समिति की बैठक में हमने संत समूह, धार्मिक समूह को भी बुलाया है। हम समाज में घुसपैठ रखने वालों को भी बुलाएंगे और समाज में प्रेशर ग्रुप का काम करने वाले संगठनों को भी आमंत्रित किया जाएगा। सवाल : फ्लोर टेस्ट, कौन सी सरकार आएगी इस पर भी नजर होगी आपकी। जवाब : हमारी नजर पूरी तरह से ग्लोवल बीमारी और उसकी रोकथाम वाले प्रयासों पर है। मेरा सोचना है कि कलेक्टर की कुर्सी, चेंबर यह ज्यादा दिन के नहीं हैं। आज यहां तो कल वहांजाना है, इसलिए अपने काम पर नजर रहती है किस फ्लोर टेस्ट के परिणाम पर नहीं। मेरा स्पष्ट मानना है कि हम ऐसे अधिकारी नहीं हैं जो छपास पर नजर रखते हैं।