कारगिल जीतने वाले डॉ. दंपति ने कोरोना को हराया

कारगिल जीतने वाले डॉ. दंपति ने कोरोना को हराया

इंदौर  । एक निजी मेडिकल कॉलेज में एनेस्थिसिया प्रोफेसर और एचओडी और कर्नल डॉ. गिरीश सौंदत्तिकर (64)और डॉ. स्मिता सौंदत्तिकर (59) दंपति कोरोना को हराकर घर लौटे हैं। दोनों का इलाज अरबिंदो अस्पताल में चल रहा था। डॉ. गिरीश और डॉ. स्मिता ने 1999 के कारगिल वॉर में बॉर्डर पर लड़ रहे जवानों की भी जिंदगी बचाई। उन्हें नया जीवन देने में दिन-रात लगे रहे। डॉ. स्मिता बताती हैं कि फौज में रहकर काम करने का अनुभव होने के नाते जिंदगी को जीतने का जज्बा कायम था। कारगिल के समय हमारे सोल्जर्स सीने पर गोली खाकर हमारे पास इलाज के लिए आते थे और उनके मुंह से उफ भी नहीं निकलता था। यही सब तत्व हमने भी जीवन में सीखे। जब हमारी रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अस्पताल आते ही ठान लिया था कि कोरोना को हराना है। इस दौरान हाइड्रेशन,पॉजिटिविटी, कार्प पोजिशनिंग, धैर्य और हिम्मत ये तीन सूत्र कोरोना को हराने में सहायक सिद्ध हुए।

 हमने एक चार्ट बना कर रखा था, जिसके मुताबिक समय-समय पर तरल पदार्थ पानी,जूस लेते रहे। डीहाईड्रेट बिल्कुल भी नहीं होने दिया। साथ ही हर दो घंटे में कार्प थैरेपी के तहत अपनी पोजिशन बदलते रहे। अलार्म लगाकर हाइड्रेशन और पोजिशन का ध्यान रखते थे जिससे फास्ट रिकवरी में मदद मिली। -डॉ. स्मिता

 मप्र के बैडमिंटन चैंपियन रहे हैं डॉक्टर गिरीश

1981 में मप्र का बैडमिंटन चैम्पियन रहा हूं। स्पोर्ट्समैन स्पिरिट होने और कारगिल में चार साल ड्यूटी करने से जीवन के कई अनुभव मिले। सबसे पहला सूत्र ‘नेवर गिव अप’ जो कोरोना को हराने में काम आया। हमने धैर्य के साथ उम्मीद कभी नहीं छोड़ी। मैं संयुक्त राष्टÑ के पीस मिशन के तहत 2005 में कांगो में भी पदस्थ रहा। एक पल भी निगेटिविटी नहीं आने दी। जैसे ही कोई नकारात्मक विचार आया, तुरंत उसे सकारात्मक विचार से रिप्लेस किया। - डॉ. गिरीश