कोरोना की आड़ में रनिंग स्टाफ का हो रहा शोषण: आरोप

जबलपुर । पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल प्रशासन ने कोविड-19 की आड़ में रेल कर्मचारियों का शोषण करते हुए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। खासकर रनिंग स्टाफ के साथ इन दिनों दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है। संरक्षा व सुरक्षा को धता बताकर 15 से 20 घंटा ड्यूटी कराई जा रही है। रनिंग स्टाफ की प्रताड़ना के खिलाफ वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन मुखर हो उठी है और उसने रेल प्रशासन की स्टाफ विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है। डब्ल्यूसीआरईयू के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया ने बताया कि जबलपुर मंडल रेल प्रशासन द्वारा कोविड-19 की आड़ में लगातार रनिंग स्टाफ को प्रताड़ित किया जा रहा है। एक तरफ रेल अधिकाारियों द्वारा बिना लाइन बाक्स के गाड़ी में कार्य करवाया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ लाइन बाक्स में रखा जाने व ाला 20 से 30 किलो का संरक्षा उपकरण रनिंग स्टाफ के बैग में रखकर सिर पर ढोने के लिए मजबूर किया जा रहा है। रनिंग स्टाफ को रेल प्रशासन ने कुली बना दिया है। इस कारण गार्ड, लोको पायलट व सहायक लोको पायलटों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
लीव सेलरी व एएलके का भुगतान 1 साल से नहीं
यूनियन के मंडल सचिव श्री लिटोरिया ने बताया कि गार्डों की पदोन्नतियां नहीं की जा रही हैं। एएलके व लीव सेलरी का पिछले 1 साल से भुगतान नहीं किया जा रहा है,साथ ही ओवर टाइम भत्ता व स्टेशनरी ड्यूटी भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है। वहीं बेतहाशा चार्जशीट जारी कर रनिंग स्टाफ का मनोबल तोड़ा जा रहा है। कई निर्दोष रनिंग स्टाफ प्रशासन की तानाशाही का शिकार हो चुके हैं। इस प्रकार की तानाशाही व प्रताड़ना के कारण एक लोको पायलट ने 2 वर्ष पूर्व आत्महत्या कर ली थी।
23 जून को मंडल की सभी लॉबी में धरना-प्रदर्शन
रनिंग स्टाफ के शोषण, प्रताड़ना के खिलाफ डब्ल्यूसीआरईयू ने आर- पार के जंग का ऐलान करते हुए निर्णय लिया है कि आगामी 23 जून को जबलपुर मंडल के सभी क्रू लॉबी में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। यूनियन ने रेल प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि अधिकारी, कर्मचारी विरोधी रवैया नहीं छोड़ते हैं तो आर-पार का संघर्ष किया जाएगा, जिसकी पूरी जवाबदारी रेल प्रशासन की होगी।