उपचुनाव से पहले डेमेज कंट्रोल में जुटीं भाजपा-कांग्रेस, रोष बढ़ा

भोपाल। प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की घोषणा होने से पहले भाजपा और कांग्रेस में असंतोष बढ़ने लगा है। भाजपा के कई नेता अपने राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंतित है। इन नेताओं को सबसे ज्यादा खतरा सिंधिया समर्थकों के भाजपा में आने से है। वहीं कांग्रेस खेमे में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सिंधिया समर्थक 22 पूर्व विधायकों को विधानसभा का टिकट मिलने की संभावना पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में अंदर ही अंदर असंतोष की आग सुलग रही है। इसे शांत करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता सक्रिय हो गए हैं। पार्टी नेतृत्व ने डेमेज कंट्रोल के लिए राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मालवा निमाड़ की जिम्मेदारी दी है तो केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा को चंबल-ग्वालियर सौंपा है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को सागर और वीडी शर्मा भोपाल संभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
कौन किसको मना रहा
सबसे ज्यादा नाराजगी और असंतोष चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में देखा जा रहा है। क्षेत्र की 16 सीटों पर उपचुनाव होना है। यही वजह है कि भाजपा ने संकटमोचक नरोत्तम मिश्रा को ग्वालियर भेजकर पार्टी की प्रमुख महिला नेत्री माया सिंह, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा, जयभान सिंह पवैया और नारायण कुशवाह को मनाने की कोशिश की।
कांग्रेस में भी विरोध जारी
उपचुनाव की तैयारियों मेंजुटी कांगे्रस में प्रत्याशी चयन और पुराने नेताओं की घर वापसी को लेकर विरोध तेज होरहा है। चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की घर वापसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह , पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह नाराजगी जता चुके हैं। चौधरी की वापसी होने पर दोनों नेता पार्टी छोड़ने की धमकी भी दे चुके हैं।