शराब कीमतों पर नियंत्रण रखे शासन-प्रशासन:चैम्बर

जबलपुर । शराब की बेलगाम कीमतों पर जहां शासन व प्रशासन अंकुश लगाने विफल रहा है वहीं शराब कारोबारियों के द्वारा अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दरों पर शराब विक्रय करने से न केवल कानून का उल्लंघन हो रहा है बल्कि ग्राहकों का भी दिन दहाड़े शोषण हो रहा है, यह कथन है जबलपुर चेम्बर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का। जानकारी में जबलपुर चेम्बर के चेयरमैन प्रेम दुबे ने बताया कि ग्राहकों की जानकारी व अधिकारों को ध्यान में रखते हुए हर वस्तु या सेवा का निश्चित मूल्य कम्पनियों द्वारा सरकार की जानकारी के बाद निर्धारित किया जाता है जिसके तहत अधिकतम विक्रय मूल्य या एम आर पी से अधिक मूल्य पर विक्रय करना गैरकानूनी माना जाता है। इस नियम से बाजार में अनुशासन रहता है तथा ग्राहकों को किसी भी उत्पाद के मूल्य की जानकारी रहती है। एमआरपी हर पैक्ड उत्पाद पर इंगित की जाती है ताकि दुकानदार व ग्राहकों के बीच अनिश्चितता न रहे लेकिन देशी-विदेशी मदिरा के क्षेत्र में एमआरपी प्रावधानों का खुले आम उल्लंघन हो रहा है।
कड़ी कार्रवाई करे सरकार
जबलपुर चेम्बर आफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि मदिरा छोड़कर किसी भी अन्य उत्पाद जिस पर एम आर पी दर्ज होती है उस पर यदि दुकानदार गलती से भी एमआरपी से अधिक मूल्य लेता है तो ग्राहक की शिकायत पर नाप-तौल विभाग, जी एस टी व अन्य विभाग उस दुकानदार पर कड़ी कार्रवाई करते हैं। उन्होंने बताया कि मदिरा की दुकानों पर ग्राहकों को विक्रय का बिल भी नही दिया जाता है तथा एमआरपी से अधिक वसूला जाता है जो कि असंवैधानिक एवं अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रशासन करे कार्रवाई
इस अवसर पर जबलपुर चेम्बर सचिव नरिंदर पांधे, रजनीश त्रिवेदी, घनश्याम गुप्ता, अजय बख्तावर, मनोज सेठ, अमरप्रीत छाबड़ा, शशिकांत पांडेय आदि ने बताया कि जबलपुर चेम्बर द्वारा मदिरा कक् व्यवसाय में व्याप्त अराजकता को लेकर जबलपुर कलेक्टर को पत्र दिया जाएगा जिस पर ग्राहकों को विक्रय का बिल देने व एमआरपी से अधिक विक्रय न करने देने मांग की जाएगी। जबलपुर चेम्बर के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने एमआरपी यानि अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर मदिरा विक्रय की पहली शिकायत पर 75000 रुपए का जुर्माना, द्वितीय शिकायत पर डेढ़ लाख रुपए एवं तृतीय शिकायत पर उक्त ठेका दुकान का लायसेंस निरस्त करने का कानून बनाया है। मध्य प्रदेश में भी इस तरह के कानून एवं प्रावधान लाने की आवश्यकता है। जबलपुर चेम्बर ने प्रशासन से मांग की है कि मदिरा ठेका दुकानों के द्वारा ग्राहकों का शोषण बंद होना चाहिए। यदि शासन ने इस ओर कोई सार्थक पहल नहीं की तो जबलपुर चेम्बर न्यायालय की शरण में जाने विवश होगा।