निजी एयरलाइंस को 750 उड़ानों की अनुमति और किराए में बदलाव पर विचार : हरदीप सिंह

निजी एयरलाइंस को 750 उड़ानों की अनुमति और किराए में बदलाव पर विचार : हरदीप सिंह

नई दिल्ली। सरकार ने ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत निजी विमान सेवा कंपनियों को 750 उड़ानों की अनुमति दी है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए कहा कि विदेशों में फँसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू किये गये इस मिशन के चौथे चरण में किराये में बदलाव पर भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि मिशन के तीसरे और चौथे चरण में माँग को देखते हुये एयर इंडिया को 300 अतिरिक्त उड़ानों की अनुमति दी गई है। साथ ही निजी विमान सेवा कंपनियों को भी 750 उड़ानों की अनुमति दी गई है। इनमें से उन्होंने 40 उड़ानों की घोषणा कर दी है। वंदे भारत मिशन की शुरुआत 06 मई को की गई थी। पहले दो चरणों में सिर्फ एयर इंडिया और उसकी इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस ने उड़ानों का परिचालन किया। तीसरे चरण में 18 जून तक विस्तारा, इंडिगो और गोएयर ने भी दो-दो उड़ानों भरी हैं। इसका चौथा चरण 02 जुलाई से शुरू होना है। श्री पुरी ने कहा कि चौथे चरण में किराये में बदलाव पर विचार किया जा रहा है। उदाहरण देते हुये उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों से आने का किराया 13 हजार रुपए रखा गया है जो सामान्य स्थिति में बाजार आधारित किराये से भी कम है। उन्होंने संकेत दिया कि इसमें वृद्धि हो सकती है। अमेरिका और कनाडा से आने के लिए किराया तकरीबन एक लाख रुपए तय किया गया है। इसमें भी बदलाव संभव है। उन्होंने बताया कि सोलह घंटे की उड़ान के बाद आम दिनों में दो-तीन घंटे बाद वापसी की उड़ान रवाना हो जाती थी जिससे पार्किंग शुल्क कम लगता था। फँसे नागरिकों को वापस लाने की विशेष उड़ान में विमान को करीब 40 घंटे पार्क करना पड़ता है जिसका शुल्क बहुत अधिक हो जाता है। इन नया किराया तय करते समय इन कारकों को ध्यान में रखा जायेगा। श्री पुरी ने बताया कि वंदे भारत मिशन तथा अन्य उपायों से विदेशों में फँसे दो लाख 70 हजार से अधिक भारतीयों को स्वदेश लाया गया है। एयर इंडिया और एयर इंडिया समूह की एयरलाइंस वंदे भारत के मिशनक के तहत 18 जून को 581 उड़ानों में एक लाख नौ हजार भारतीयों तथा आईओसी कार्डधारकों को वापस ला चुकी है। मिशन के तहत निजी विमान सेवा कंपनियों की छह उड़ानों में करीब एक हजार भारतीय लौटे हैं। चार्टर्ड विमानों से एक लाख 21 हजार 500 भारतीय आये हैं जबकि अन्य नौसेना के जहाज और सड़क मार्ग से सीमा पार कर स्वदेश आये हैं।