एडजेस्टेबल, एनर्जेटिक, रिस्पांसिबल बनना होगा

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एडजेस्टेबल, एनर्जेटिक, रिस्पांसिबल बनना होगा

ग्वालियर। वर्क, वर्क स्पेस और वर्क फोर्स ये तीन बहुत महत्वपूर्ण हैं, जो लगातार बदल रही हैं। ये बदलाव डिजीटल युग को प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए आॅगेर्नाइजेशन और कार्य करने वाले व्यक्तियों को एडजेस्टेबल, एनर्जेटिक और रिस्पांसिबल बनना होगा। इन तीनों में सामंजस्य बैठाकर ही आप अपने साथ ही आगेर्नाइजेशन के विकास कर सकते हैं। स्टूडेंट्स को कुछ ऐसी ही सलाह दे रहे थीं बैनेट कोलमैन एंड कंपनी लि. की हेड लर्निंग एंड इंगेजमेंट गौरिका टंडन, वे आईटीएम यूनिवर्सिटी के फ्यूचर जॉब वेबीनार सीरिज के तहत आयोजित वेबीनार में स्टूडेंट्स से रूबरू थीं। ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल का यह वेबीनार री स्किल एंड अपस्किल: द फ्यूचर आॅफ द वर्कस्पेस पर आधारित था। इसमें आईटीएम यूनिवर्सिटी और आईटीएम ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यूशन्स के स्टूडेंट्स ने भाग लिया। एक्सपर्ट गौरिका ने इस दौरान समझाया कि जिस जॉब को आप लंबे समय तक करना चाहते हैं या फिर जिस फील्ड में आप कॅरियर बनना चाहते हैं, उसके लिए जरूरी स्किल्स में आपको दक्ष होना ही पड़ेगा।

सेल्फ एनालिसिस के लिए निकालें वक्त
उन्होंने कहा कि स्किल्स डवलप और सेल्फ एनालिसिस करने के लिए आपको खुद के लिए समय देना होगा ताकि आप खुद को उन स्किल्स में परफेक्ट होने के लिए स्वयं को मोटीवेट कर सके। थोड़ा समय लगेगा, जिसके आधार पर सभी कुछ बेहतर हो जाएगा। आप अपनी तैयारी रखें और सही समय आने पर खुद की योग्यता को बेहतर परफॉर्मेंस के साथ साबित करें।