स्टूडेंट्स तक नहीं पहुंची किताबें कैसे होगी पढ़ाइ

स्टूडेंट्स तक नहीं पहुंची किताबें कैसे होगी पढ़ाइ

भोपाल ।  सरकारी स्कूलों को खोलने, स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन, अभी तक किसी स्टूडेंट के पास तो दूर जिलों में ही बुकें नहीं पहुंची हैं। ऐसे में डिजीलेप की क्लास हो 6 जुलाई से शुरू होने वाली घर क्लास में बुकों की जरूरत पड़ेगी। स्टूडेंट्स के पास बुकें नहीं होने से उनकी पढ़ाई कैसे हो पाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पिछले वर्ष मई के आखिर तक स्कूलों में पहुुंचाकर 15 जून से सत्रारंभ में बच्चों को देनी शुरू हो जाती थीं। लेकिन कोरोना संकट के कारण यह किताबें स्कूलों में नहीं पहुंची हैं। दरअसल कोरोना संकट के कारण इस वर्ष जिलों में ही एक माह लेट पहुंचना शुरू हुई हैं। जहां पहुंची हैं वहां भी कम हैं। वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी एक जिले का बैकअप मिलने पर ही बच्चों को समय पर बुकें वितरित करने का दावा कर रहे हैं। विभाग की इस लापरवाही से विद्यार्थी सिर्फ आॅनलाइन क्लासों और व्हाट्सउएप के सहारे अपनी पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन उसका रिवीजन नहीं हो पा रहा हैं।

कोरोना के कारण प्रभावित हुई किताबों की प्रिंटिंग

पाठ्य पुस्तक निगम हर साल तय समय तक बुकें प्रकाशित कर लेता है। लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते किताबों की प्रिंटिंग भी प्रभावित हुई है। विभागीय अधिकारी सभी पुस्तकें प्रकाशित होने की बात कह रहे हैं, लेकिन अभी प्रदेश के लगभग जिलों में किताबें पहुंचना इस सप्ताह से शुरू हुई हैं।

बच्चों के बजाय पैरेंट्स को दी जाएंगी बुकें, घर में होगी पढ़ाई

अभी तक स्कूल खुलने पर बच्चों को उनकी क्लासों में फ्री बुकें दे दी जाती थीं, लेकिन इस बार घर-घर पढ़ाई होगी। ऐसे में विभाग द्वारा पैरेंट्स को बुलाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्कूल में बुकें वितरित की जाएंगी।