जिस बिल्डिंग से जारी होते हैं जर्जर मकान तोड़ने के निर्देश, उसी में आई सैकड़ों दरारें

जिस बिल्डिंग से जारी होते हैं जर्जर मकान तोड़ने के निर्देश, उसी में आई सैकड़ों दरारें

भोपाल। मकान जर्जर या खतरनाक घोषित करने के साथ ही खतरनाक इमारतों को ढहाने का आदेश नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन सेल से जारी होता है। लेकिन जानकर हैरानी होगी कि ये सेल खुद एक जर्जर इमारत में लगती है। आगे से अच्छी दिखने वाली ये बिल्डिंग पिछले हिस्से से खस्ताहाल और सैकड़ों दरारें हैं। फतेहगढ़ में अंबेडकर लाइब्रेयरी के सामने इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में आईटी सेल (कंप्यूटर शाखा) का दफ्तर है। फर्स्ट फ्लोर में विवाह पंजीयन, सूचना का अधिकार आफिस सहित अन्य दफ्तर हैं, जबकि बिल्डिंग परमिशन सेल का तीसरे फ्लोर में आफिस लगता है। बिल्डिंग के पीछे की दीवारों से प्लास्टर टूट रहा है। दीवारों और छत में दरारें दिखती हैं और छज्जे गिरने लगे हैं। आईटी सेल का रिनोवेशन: दिलचस्प बात ये है कि हाल ही में इस बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर के आईटी सेल दफ्तर का रिनोवेशन कराया है। केबिन, पार्टीशन और फर्नीचर में लाखों रुपए खर्च किए, लेकिन दीवारों में आ रही दरारों, झड़ते प्लास्टर और गिरते छज्जों की मरम्मत की जरूरत नहीं समझी गई।

मामूली बारिश में हुए पेड़ और छज्जे गिरने के चार हादसे

गोविंदपुरा स्थित विकास नगर झुग्गी में तेज आंधी-पानी में पीपल का पेड़ गिरने से पांच झुग्गियां ढह हो गई। कोटरा में हाउसिंग बोर्ड की साढ़े तीन दशक पुरानी इमारत की सीढ़ियों पर बना टॉवर ढह गया। लोग बाल- बाल बचे। कस्तूरबा नगर में जर्जर बिल्डिंग की दूसरी मंजिल का छज्जा ढहा। हालांकि किसी को चोट नहीं आई। लक्ष्मी टॉकीज एरिया में मकान का छज्जा नीचे खड़े दो लोगों पर गिरने से गंभीर घायल हो गए। पांच दिनों की मामूली बारिश में ये हादसे हुए। जर्जर बिल्डिंगें ज्यादा होने से हादसे बढ़ेंगे। निगम की बिल्डिंग परमिशन सेल की लिस्ट में ऐसी 244 खतरनाक इमारतों के नाम और पते हैं।