मैंने गोता लगाया और डंडे से मगर को पूरी ताकत से दबाया तब उसने दोस्त को छोड़ा’

भोपाल । हम नेहरू नगर पुलिस लाइन में आजू-बाजू रहते हैं। सोमवार को मौसम अच्छा था तो हम तीन-चार बजे घूमने के लिए निकले थे। नहाने का मन हुआ, तो हम लोग नहाने लगे। नहाते-नहाते 5-7 मिनट हुआ था, कि वीडियो बनाने का मन हुआं। मोबाइल को रखने के लिए एक मजबूत डंडा मिल गया जो नुकीला था। उसे पानी में गाड़ दिया और वीडियो चालू कर दिया। फिर हम लोग नहाने लगे। कुछ ही सेकंड के बाद मगरमच्छ ने अमित की जांघ पकड़ ली। वो जोर से चीखा और मगरमच्छ उसे पानी के अंदर ले जाने लगा। उस दौरान अनहोनी जैसा मुझे लगा। ऐसे में डंडे पर टिका मोबाइल मैंने तुरंत दूर फेंका और डंडा लेकर पानी के अंदर गया। पांच-छ: फीट अंदर जाने के बाद अमित के शरीर का अहसास हुआ थोड़ा और आगे गया तो मेरा हाथ मगरमच्छ के पास तक पहुंच गए। मैंने तुरंत डंडे के नुकीले हिस्से से मगरमच्छ को दबा दिया।...फिर मगरमच्छ ने अपना मुंह खोल दिया और अमित का पैर निकल गया। अमित तैरते हुए ऊपर भागा और मगरमच्छ को ज्यादा देर तक दबाते हुए मेरी भी सांस फूलने लगी तब मैंने देखा कि अमित बाहर आ चुका है और फिर मैं तैरता हुआ बाहर आ गया। बाहर आते ही देखा कि अमित के पैर से खून बह रहा था। मैंने बनियान फाड़कर उसकी जांघ पर बांधी फिर दोस्तों को फोन लगाया और तुरंत उसे शारदा अस्पताल लेकर गए। -गजेंद्र यादव
अमित के पिता हनुमानगंज थाने में हैं एएसआई
नेहरू नगर पुलिस लाइन में रहने वाले युवक अमित जाटव और गजेन्द्र यादव दोनों दोस्त हैं। दोनों कलियासोत डैम नहाने के लिए पहुंचे तब यह घटना हुई। अमित जाटव के पिता हनुमानगंज थाने में एएसआई हैं, जबकि गजेंद्र के पिता श्यामला हिल्थ थाने में हेड कांस्टेबल हैं।