रिश्तेदार और ट्रेन छूटे तो चार दिन प्लेटफार्म पर गुजारे

रिश्तेदार और ट्रेन छूटे तो चार दिन प्लेटफार्म पर गुजारे

भोपाल। 76 वर्षीय बड़ी बाई नरसिंहपुर-गाडरवाड़ा की रहने वाली हैं और चार दिन से हबीबगंज रेलवे स्टेशन ही इनका ठिकाना था। वे डेढ़ हते पहले अपने मूक-बधिर पोते को 12वीं कक्षा की परीक्षा दिलाने भोपाल आई थीं। इस दौरान परिस्थितियां ऐसी बनीं कि दोनों को चार दिन स्टेशन पर बिताने पड़े। न खाने का इंतजाम हो पा रहा था और न बारिश में हल्की सर्द हुई रात से बचने का तरीका था। रेलवे स्टेशन पर सेवाएं दे रहे, एनएसएस और यंगशाला के वॉलेंटियर्स की नजर इनपर पड़ी तो दादी-पोते की हर संभव मदद की। कुछ दिन रिश्तेदार के यहां रहे :भोपाल में बड़ी बाई, पोते शिवकुमार के साथ मंडीदीप में रिश्तेदार के यहां रुकी थी। पिछले गुरुवार को रिश्तेदार ने बताया कि उन्हें जरूरी काम से बाहर जाना है। दोनों ने सोचा कि शुक्रवार रात कहीं भी गुजार कर शनिवार का एग्जाम देकर सोमवार सुबह तक लौट आएंगे। दोनों ने शुक्रवार रात स्टेशन पर गुजारी। शनिवार को दादी-पोता, हमीदिया क्षेत्र स्थित सेंटर से एग्जाम देकर समय पर नहीं लौट पाए और ट्रेन छूट गई। बड़ी बाई बताती हैं कि समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं। एक रात तो बड़ी मुश्किल से काटी, लेकिन अब तो दो और रात काटनी थीं। खाना भी नहीं था और बारिश अलग। लेकिन यंगशाला से जुड़े युवाओं ने उन्हें मदद दी। वे आशीर्वाद देते हुए कहती हैं कि ये भगवान के फरिश्ते कहीं से हमें मिल गए। मंग की कटाई में व्यस्त होने से पिता नहीं आ पाए : बड़ी बाई ने बताया कि शिवकुमार के पिता खेती करते हैं। अभी मूंग की कटाई का काम चल रहा है, इसलिए वह आ नहीं सकते थे। उन्होंने कहा कि पोते की मेहनत खराब जाए, यह मुझसे देखा नहीं जा रहा था, इसलिए हिम्मत करके मैं ही साथ आ गई।