शराब ठेकेदार नहीं माने तो कल से आबकारी विभाग चलाएगा दुकानें

भोपाल। प्रदेश में शराब दुकानें खोलने पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। 67 फीसदी ठेकेदार दुकानें सरेंडर कर अर्नेस्ट मनी वापस मांग रहे हैं। इस बीच आबकारी आयुक्त ने सरकारी स्तर पर शराब दुकानें खोलने के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है। हालांकि, हाईकोर्ट ने ठेकेदारों को विकल्प चुनने के लिए सोमवार 8 जून तक का समय दिया है। यदि ठेकेदार दुकानें संचालित करने सहमत नहीं हुए तो मंगलवार से इन दुकानों का संचालन आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी करेंगे। अभी ठेकेदारों ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित 22 जिलों में देशी और विदेशी शराब दुकानों को सरेंडर कर दिया है।
बड़ा सवाल : प्रदेश में 3,605 दुकानें, इतना अमला कहां से आएगा
मप्र में 2,544 देशी और 1,061 विदेशी शराब की दुकानें हैं। भोपाल में देशी और विदेशी शराब की 90 दुकानें हैं। आबकारी विभाग के पास इतना अमला नहीं है कि वह इन सभी दुकानों का संचालन कर सके। वैसे भोपाल में दुकानें संचालित करने के लिए शनिवार को ही जिला आबकारी अधिकारी ने क्लस्टर बनाकर एक-एक दुकान पर दो से तीन उपनिरीक्षक और आरक्षक की ड्यूटी लगाई है।
आबकारी आयुक्त का पत्र, कर लें पूरी तैयारी
आबकारी आयुक्त राजीव दुबे के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है कि वर्ष 2020-21 की शेष अवधि के लिए जिन देसी-विदेशी शराब की दुकानों के ठेके जारी किए गए थे, ऐसी शराब दुकानों का संचालन, विभागीय नियंत्रण के अधीन किया जाना एक मात्र विकल्प है। इसलिए सभी जिलों के सहायक आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी को निर्देशित करें कि समस्त शराब दुकानों को अपने अधीन लेने की तैयारी पूरी कर लें।