अपनों ने घर से निकाला तो भीख मांगकर किया गुजारा

अपनों ने घर से निकाला तो भीख मांगकर किया गुजारा

भोपाल।अपने रिश्तेदार का हालचाल जानने आई वृद्धा को लॉकडाउन ने इस कदर विवश कर दिया कि 3 माह आटो स्टैंड पर भीख मांगकर गुजारने पड़े। इस दौरान यहां हबीबगंज स्टेशन पर आवाज संस्था के युवाओं ने पैसा इकट्ठा कर उसकी दवाई और जबलपुर तक ट्रेन के टिकट का इंतजाम किया। चंद दिन भी पड़े भारी: जबलपुर की जसवंता बाई लॉकडाउन के तीन दिन पहले भोपाल रिश्तेदार को देखने आई। दुर्भाग्यवश रिश्तेदार की मौत हो गई और लॉकडाउन लगने के चार-पांच दिन बाद ही परिजनों ने भी उस बुजुर्ग महिला को घर से भगा दिया। इस दौरान स्टेशन पर स्वयंसेवी रूपल सक्सेना मिलीं, जिससे उसने व्यथा सुनाई, तो वह भी भावुक हो गई। वृद्धा ने बताया कि नजदीकी रिश्तेदार चार दिन नहीं रख पाए। कोलार के आटो स्टैंड पर गुजारा किया । पैसे भी आठ-दस दिन में खत्म हो गए थे, क्योंकि ज्यादा पैसे लेकर निकली नहीं थी। कुछ दिन बाद तो भीख मांगकर पेट भरा। वृद्धा ने बताया कि परिवार में बेटा सालों पहले से लापता है, इसलिए कोई सुध लेने वाला नहीं है। वह जबलपुर में घर में अकेले रह रही है। बमुश्किल पहुंची थी स्टेशन वहीं, रूपल ने बताया कि ट्रेन चलने की जानकारी लगने पर वृद्धा किसी की मदद से बमुश्किल स्टेशन तक पहुंची थीं। यहां भी वह बाथरूम में गिर पड़ी। स्टेशन पर वॉलेंटियर साथी अविनाश चौहान, रोहित रजक और अन्य ने मिलकर पैसे इकट्ठे किए और उनकी दवाई और खाने का इंतजाम किया। इसके बाद रूपल खुद रिजर्वेशन लाइन में खड़ी रहीं और जसवंता बाई की टिकट खरीद कर उन्हें जनशताब्दी ट्रेन से उनके घर रवाना किया।