पहली जॉब के सपने अधर में, कंपनियों ने जॉइनिंग से पहले टालीं नियुक्तियां, इस साल उम्मीद भी नहीं

पहली जॉब के सपने अधर में, कंपनियों ने जॉइनिंग से पहले टालीं नियुक्तियां, इस साल उम्मीद भी नहीं

भोपाल । आईआईएम स्टूडेंट यश अग्रवाल के लिए यह साल बेहद महत्वपूर्ण था। उन्हें पहली जॉब मिलने वाली थी। मार्च में फॉरेस्ट्री में नौकरी लगभग पक्की हो चुकी थी। लेकिन लॉकडाउन की आहट होते ही उनके रिक्रूटमेंट को होल्ड कर दिया गया। पहली जॉब को लेकर बेहद उत्साहित यश ढाई महीने से घर पर हैं। लॉकडाउन खुलने पर नौकरी मिलेगी या नहीं, यह सबसे बड़ी चिंता है। कुछ ऐसी ही कहानी मैनेजमेंट स्टूडेंट इति कौशल की है। उन्हें प्राइवेट बैंक में जॉब आॅफर हो चुकी थी। जॉइनिंग से दो दिन पहले ही जानकारी मिली कि इसे टाल दिया गया है। पुणे की तीन कंपनियों में भी इंटरव्यू हुए थे, लेकिन तीनों ने ही कह दिया है कि फिलहाल कोई वैकेंसी नहीं है। यश और इति जैसे ऐसे हजारों युवा हैं, जो पहली बार नौकरी में जा रहे थे, उनके भविष्य पर कोरोना ने सबसे बड़ी आर्थिक चोट दी है। इनमें कई लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने लोन लेकर पढ़ाई की। अब उन्हें भविष्य के साथ लोन की किस्तों की भी चिंता सता रही है।

                                             

हर कंपनी कह रही, नियुक्तियों पर अभी फोकस नहीं

लॉकडाउन में काम तो अभी भी उसी तरह से हो रहा है, जैसा पहले हो रहा था। हम फिलहाल जॉब देने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन हमारा काम रुका नहीं है। हमें अब इस तरह की स्थिति को स्वीकार करते हुए ही काम करना होगा। लॉकडाउन खुलने के बाद क्या स्थिति बनती है? यह महत्वपूर्ण है। (इंदौर स्थित एक कंपनी के जरनल मैनेजर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया) कोरोना संक्रमण के कारण काफी फर्क पड़ा है। जो कर्मचारी इंदौर में रहकर काम कर रहे थे, वे अब यहां से जा चुके हैं। हालांकि हमने वर्क फ्रॉम होम का तरीका भी अपनाया है, लेकिन ऑफिस और घर में काम करने से फर्क तो पड़ता ही है। हम फिलहाल कोई भी नई नियुक्ति नहीं कर रहे हैं। जो कंपनी से जुडे हैं, उनसे ही काम ले रहे हैं। राजेश वर्मा, सिलेक्ट सोर्स इंटरनेशनल, इंदौर अगले साल के प्लेसमेंट अप्रैल में शुरू होने थे, लेकिन अब यह होल्ड हो गए हैं, अब अगला प्लेसमेंट कब होगा, यह प्लेसमेंट अभी तो डाउटफुल की स्थिति में है, आगे क्या होगा फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता है। इस साल के स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट हो चुके हैं, लेकिन अगले साल के स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट रुके हुए हैं। डॉ. वी. विजय कुमार, डायरेक्टर, एनएलआईय हमारी कंपनी अप्रैल में युवा इंजीनियरों को ज्वाइनिंग के लेटर दे चुकी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण हमने फिलहाल नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। लॉकडाउन खुलने के बाद हम नई नियुक्तियों के बारे में सोचेंगे। मार्केट की स्थिति अभी ऐसी नहीं लग रही है कि हम नए जॉब देने के बारे में सोचें। (एक कंपनी के मैनेजर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया)

आईटी सेक्टर दूसरे  की करेंगे भरपाई

टीसीएस, विप्रो, कॉग्निजेंट, इंफोसिस ने कहा है कि वे जिन स्टूडेंट्स को जॉइनिंग लेटर दे चुके हैं, उन्हें जरूर लेंगे। मैन्युफैक्चरिंग और ऑटो मोबाइल सेक्टर में स्लोडाउन हुआ भी तो इसकी पूर्ति आईटी सेक्टर से हो जाएगी, क्योंकि अभी आईटी सर्विसेज और सॉल्यूशन की बहुत तेजी से मांग आएगी। बायोटेक्नोलॉजी, लाइफसाइंस और मेडिकल और फार्मेसी इंडस्ट्री में जॉब के मौके होंगे तो स्टूडेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि 2021 में होने वाले प्लेसमेंट के लिए अभी समय बाकी है। सितंबर से हायरिंग्स दोबारा शुरू होने की उम्मीद है।