लॉकडाउन में लोगों को मदद देने 15 हजार किमी साइकिल चलाई, पिता के इलाज के लिए रखे दो लाख रु. से बांटा राशन

भोपाल। लॉकडाउन के बीच कई लोग कई तरह से मदद कर रहे हैं। ऐसे ही मददगार हैं पूर्व सैनिक और पैराकमांडो अशोक तिवारी (हिंदुस्तानी)। पिछले 20 साल में 2 लाख 5 हजार किमी साइकिल यात्रा पूरी कर चुके अशोक ने लॉकडाउन में भी अपने कदमों को घर पर नहीं रोका । उन्होंने इस दौरान तकरीबन 2 लाख रुपए की राशि जरूरतमंदों के खाने-पीने पर खर्च कर दी। यह राशि उन्होंने अपने माता-पिता के इलाज के लिए रखी थी।
2 लाख किमी साइकिल चला चुके पूर्व पैराकमांडो ने पीपुल्स समाचार से साझा की कहानी
सैनिक होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि लोगों की मदद करता रहूं। लॉकडाउन के दौरान भी अपनी साइकिल यात्रा जारी रखी और 15,000 किमी साइकिल चलाई ताकि प्रवासी मजदूरों को खाना-पीना वितरित कर सकूं। सुबह 4 बजे से घर से निकल जाता हूं और शाम 6 बजे तक घर वापस आ जाता हूं। एक दिन भेल से आगे ट्रक ड्राइवर और क्लीनर को फंसे हुए दिखे। उनके पास न तो राशन था और ही खाने का कोई इंतजाम। ऐसे में लॉकडाउन में फंसे हुए लोगों को मदद पहुंचाने का आइडिया आया। इन्हें राशन पहुंचाना शुरू कर दिया। इस काम में गोल्फर्स क्लब के कुछ मेंबर्स ने भी सहयोग किया। यह ट्रक ड्राइवर्स अब अपने अपने गंतव्यों पर पहुंच रहे हैं तो उन्हें फोन पर रोज दुआएं मिल रही हैं। मेरी साइकिल काफी पुरानी है, जिसमें खाने-पीने के डिब्बे, भारत माता का फोटो और तिरंगा लगा है। मेरा वजन मिला ले तो यह 100 किलोग्राम की हो जाती है। मैं अपनी पेंशन का आधा भाग हमेशा ही समाज सेवा में खर्च करता हूं, जिसमें जानवरों की मदद को भी शामिल करता हूं। साइकिल यात्रा के जरिए पेड़ लगाओ और पर्यावरण बचाओ का संदेश देता रहूंगा।