अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टर ने किया कोरोना पेशेंट का पहला लंग्स ट्रांसप्लांट

शिकागो । अमेरिका में भारतीय मूल के एक डॉक्टर के नेतृत्व में डॉक्टर्स की एक टीम ने बेहद ही जटिल सर्जरी में कामयाबी पाई है। यहां एक महिला के कोरोना से पूरी तरह खराब हो चुके फेफड़ों की सर्जरी कर, उसे नए फेफड़े लगाए हैं यानी दोनों फेफड़े (लंग्स) ट्रांसप्लांट किए गए हैं। माना जा रहा है कि महामारी शुरू होने के बाद अमेरिका में इस तरह की यह पहली सर्जरी है। महिला की हालत काफी गंभीर थी और बिना ट्रांसप्लांट के उसे बचाने असंभव था। क्योंकि, वो पिछले दो महीनों से दिल और फेफड़ों को चलाने वाले उपकरणों की मदद से ही सांस ले पा रही थी। डॉक्टर्स की टीम को लीड करने वाले और इस जटिल आॅपरेशन को करने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भरत ने कहा कि कोरोना से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बचाने के लिए ट्रांसप्लांट ही एक सही रास्ता हो सकता है। यह बीमारी अपनी गंभीर रूप में फेफड़ों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त करती है।
अब तक की सबसे कठिन सर्जरी
मेरठ में जन्मे भरत ने कहा कि ये मेरी अब तक की सबसे कठिन सर्जरी थी। दरअसल कोरोना का सबसे ज्यादा असर रेस्पिरेटरी सिस्टम पर होता है, साथ ही साथ यह किडनी, दिल, ब्लड वेसल्स और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
बिना ट्रांसप्लांट के नहीं बच सकती थी जान
डॉ. भरत ने कहा, मैं निश्चित रूप से यह कह सकता हूं कि कोरोना के कारण कई मरीजों को फेफड़े में इतने खराब हो गए होंगे कि वे ट्रांसप्लांट के बिना नहीं चल पाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे कई लोगों की जिंदगी बच सकती है। भरत ने कहा कि उस महिला कि हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि किसी भी तरह की एंटीबायोटिक उस पर काम नहीं करती क्योंकि उसके फेफड़े पूरी तरह से खत्म हो चुके थे। मालूम हो कि इससे पहले 26 मई को आॅस्ट्रिया में सर्जन्स ने दुनिया की पहली कोरोना इंफेक्टेड महिला की लंग्स ट्रांसप्लांट सर्जरी की थी। यह महिला 45 साल की थी। कोरोना के कारण उसकी हालत काफी गंभीर हो गई थी।