उद्योगपति बोले- बिजली का फिक्स चार्ज स्थगित नहीं, माफ करे सरकार

उद्योगपति बोले- बिजली का फिक्स चार्ज स्थगित नहीं, माफ करे सरकार

भोपाल। सरकार ने प्रदेश में स्थापित 22 हजार 200 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, 360 बडे उद्योग तथा 550 दाल एवं फ्लोर मिलों से वसूले जाने वाले बिजली बिल के फिक्स चार्जेस को अगले तीन महीने के लिए स्थगित कर दिया है। छोटे उद्योगपतियों से फिक्स बिजली बिल के नाम पर सरकार प्रत्येक से दो लाख का बिल वसूल रही है। सरकार के इस निर्णय से अधिकतर उद्योगपति सहमत नहीं हैं। उनका तर्क है कि जब पांच राज्यों ने लॉकडाउन के कारण उद्योग बंद होने की स्थिति में बिजली बिल माफ कर दिए हैं, तो मप्र सरकार यहां के उद्योगों के बिल माफ क्यों नहीं कर रही है। सरकार गरीबों के बिलों में लगातार छूट दे रही है, तो हमारे साथ यह अन्याय क्यों किया जा रहा है।

बडे उद्योग घरानों से वसूलें फिक्स चार्ज : कई उद्योगपतियों ने कहा कि छोटे उद्योगों की कमर टूट चुकी है। हमसे सरकार 30 से 35 रुपए प्रति यूनिट बिजली बिल की वसूली करती है, जबकि बडे उद्योग घरानों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देती है। यदि सरकार को वसूली करनी है, तो बीएचईएल, एचएजी मंडीदीप, नाहर स्पिनिंग मिल्स, ट्रायटेंड, आयशर जैसे बडे उद्योगों से बिजली का फिक्स चार्ज लेना चाहिए, क्योंकि इन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

खपत के हिसाब से लेना चाहिए बिल

कुछ उद्योगपतियों का मानना है कि लॉकडाउन के बाद से कारखाने बंद थे। लेबर और रॉ-मटेरियल की कमी से उत्पादन ही नहीं हुआ। सरकार को जितनी बिजली की खपत हुई है, उसके मान से बिल लेना चाहिए। उनकी मांग है, 300 से 500 केवी तक खपत वाले उद्योगों को राहत दी जाए।